प्रॉपर्टी खरीदने के लिए ये 9 दस्तावेज हैं बहुत जरूरी

Property Documents: होम लोन लेते सेल डीड, पजेशन सर्टिफिकेट जैसे यह कागजात काम आते हैं. वहीं, कुछ ऐसे दस्तावेज भी हैं जिनके बिना आपकी खरीदारी अवैध होगी

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लॉन्ग कमिटमेंट करते समय जितना पॉसिबल हो उतनी फ्लेक्सिबिलिटी देखनी चाहिए. इसलिए लैंडर सिलेक्ट करते समय EMI ऑप्शन को समझदारी से चुनना चाहिए

लॉन्ग कमिटमेंट करते समय जितना पॉसिबल हो उतनी फ्लेक्सिबिलिटी देखनी चाहिए. इसलिए लैंडर सिलेक्ट करते समय EMI ऑप्शन को समझदारी से चुनना चाहिए

Property Documents: अपने सपनों का घर खरीदने की योजना है बना रहे हैं, तो तकरीबन सभी बैंक आपको इसके लिए होम लोन (Home Loan) मुहैया करा सकते हैं, पर इस सबके लिए आपके पास कौन-कौन से दस्तावेज होने चाहिए, यह जान लेना आपके लिए बहुत जरूरी है. आज हम आपको उन नौ दस्तावेजों के बारे में विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं, जिनकी जरूरत आपको संपत्ति खरीदते वक्‍त पड़ेगी.

सेल डीड

बिक्री विलेख यानी सेल डीड घर या संपत्ति की बिक्री के प्रमाण का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह दस्‍तावेज विक्रेता से खरीदार को संपत्ति के हस्तांतरण की जानकारी देता है. खरीदार और विक्रेता के बीच आपसी सहमति से हो रहे संपत्ति के सौदे से जुड़े सभी नियम व शर्तों वाला यह दस्‍तावेज  दोनों पक्षों के हस्ताक्षर, फोटो और यहां तक कि अंगूठे के निशान के साथ तैयार किया जाता है. अगर आप होम लोन लेने जा रहे हैं, तो भी आपको बैंक को यह सेल डीड देनी होगी.

मदर डीड

मदर डीड बैंकों द्वारा मांगा जाने वाला एक और महत्वपूर्ण दस्तावेज है. जब कोई खरीदार किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन लेना चाहता है, तो इसकी जरूरत पड़ती है. इस दस्तावेज से संपत्ति के स्वामित्व यानी मालिकाना हक के इतिहास का पता चलता है.

बिक्री समझौता और खरीद समझौता

यह संपत्ति की बिक्री के लिए तैयार किया जाने वाला दस्तावेज है. इसमें संपत्ति का विस्तृत विवरण होता है. इसमें खरीदार व विक्रेता के बीच की शर्तों का उल्‍लेख होता है, जिसमें सहमति के आधार पर तय किया गया संपत्ति का मूल्य भी शामिल होता है.

भवन स्वीकृति योजना

यह दस्तावेज बिल्डिंग बायलॉज, मास्टर प्लान और स्थानीय निकाय अधिनियमों के प्रावधानों के तहत आवश्यक मानकों का पालन किए जाने की जानकारी देता है. इसमें दो चीजें शामिल हैं, भवन योजना और लेआउट की स्‍वीकृति. इसमें संपत्ति का विवरण दिया जाता है. बैंकों या वित्तीय संस्थानों को लोन के लिए इसमें दी गई विस्तृत जानकारी की जरूरत पड़ती है. इसीलिए यह दस्‍तावेज भी जरूरी है.

पजेशन लेटर 

यह दस्तावेज प्रॉपर्टी का निर्माण करने वाले बिल्डर द्वारा तैयार किया जाता है. यह घर पर खरीदार के कब्जे की तारीख बताता है. इसे बिल्डर के नाम से बनाया जाता है और कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद बनाया जाता है. हालांकि यह संपत्ति के स्वामित्व का प्रमाण नहीं है.

कंप्लीशन सर्टिफिकेट या ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट

यह ऐसे मामलों में बहुत महत्वपूर्ण होता है, जब आप किसी ऐसी इमारत में फ्लैट खरीदते हैं, जिसे हाल ही में बनाया गया है. यह ऐसे फ्लैट की खरीद के मामले में भी जरूरी होता है, जिसे पुराने मालिक द्वारा बेचा जा रहा हो. इस दस्तावेज से इस बात का पता चलता है कि भवन का निर्माण पूरा होने के बाद इसका निरीक्षण कर उसे मंजूरी प्रदान की गई है. यह पुष्टि करता है कि भवन स्थानीय प्राधिकरण की ओर से तय किए गए सभी कानूनों का पालन करता है. पेयजल, बिजली और सीवेज कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी यह आवश्यक होता है.

इन दस्तावेजों के बिना नया फ्लैट न खरीदें क्योंकि इसे अवैध माना जा सकता है.

भार प्रमाणपत्र

यह इस बात का प्रमाण पत्र है कि संपत्ति किसी भी कानूनी या वित्‍तीय देनदारी जैसे बंधक या बकाया लोन अदायगी से मुक्त है.

खाता प्रमाण पत्र

यह एक राजस्व दस्तावेज है, जिसमें संपत्ति का आकार, पता विवरण होते हैं. यह संपत्ति की पहचान सुनिश्चित करता है और होम लोन लेते वक्‍त इसकी जरूरत पड़ सकती है. बिजली और पानी का कनेक्शन लेने में भी इसकी आवश्यकता होती है.

आवंटन पत्र

आवंटन पत्र यानी अलॉटमेंट लेटर निर्माणाधीन घर बुक कराने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्‍तावेज होता है. इसमें संपत्ति के भुगतान के संबंध में सभी जरूरी जानकारियां शामिल होती हैं, जिसमें अतिरिक्त सुविधाओं के लिए दिया जाने वाला शुल्क भी शामिल होता है. होम लोन के लिए आवेदन करते वक्‍त बैंक आपसे अलॉटमेंट लेटर मांग सकता है.

Published - July 3, 2021, 11:38 IST