Personal Loan: पर्सनल लोन लेने वालों की तदाद काफी तेजी से बढ़ी है. यही कारण है कि 2020-21 की पहली तिमाही में काफी गिरावट दिखाने वाले पर्सनल लोन (Personal Loan) सेगमेंट में चौथी तिमाही के दौरान 35.5 फीसदी का जबरदस्त उछाल आया है.
चौथी तिमाही में पर्सनल लोन की ग्रोथ 35.5 फीसदी रही. साल भर पहले यह दर 11.3 फीसदी थी. 2020-21 की पहली तिमाही में लॉकडाउन के दौरान इसमें 59.1 फीसदी की गिरावट देखी गई थी.
हालांकि, दूसरी तिमाही में इसमें 4.2 फीसदी और तीसरी तिमाही में 10.6 फीसदी का इजाफा देखा गया. यानि जनवरी-मार्च 2021 की अवधि में इस सेक्टर में उछाल आया.
पर्सनल लोन व्यक्तिगत लोन होता है, जिसमें कंज्यूमर क्रेडिट, एजुकेशन लोन, अचल संपत्ति में इजाफा करने के लिए दिया जाने वाला लोन शामिल होता है.
जनवरी-मार्च की अवधि में कृषि क्षेत्र को दिए जाने वाले लोन में 20.5 फीसदी का इजाफा हुआ, जबकि सेवा क्षेत्र में 4.1 फीसदी का. दूसरी ओर इंडस्ट्री लोन में 8.6 फीसदी की कमी आई.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को हालिया फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में कुल बैंक क्रेडिट का 16.2 फीसदी पर्सनल लोन था, जोकि 2021 में 26.3 फीसदी हो गया.
इस कैटेगरी में, पिछले सात वर्षों के दौरान हाउसिंग लोन 8.5 फीसदी से बढ़कर 13.8 फीसदी हो गया.
चिंता बात है कि इस अवधि में पर्सनल लोन सेगमेंट में डूबे कर्ज में वृद्धि भी देखी गई. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्सनल लोन सेक्टर में कमर्शियल बैंकों का ग्रॉस नॉन परफार्मिंग एसेट (GNPA) रेशियो बढ़ा है.
जबकि दूसरे सेक्टरों के लिए यह अनुपात कम हुआ है. कोविड की दूसरी लहर के दौरान लोगों में भुगतान क्षमता में काफी बुरा असर पड़ा.
इसको देखते हुए, मई 2021 में, सेंट्रल बैंक सभी बैंकों को मौजूदा पर्सनल लोन में सुधार लाने के लिए एक प्लान पेश करने का निर्देश दिया था.
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2021 के दौरान एग्रीकल्चर और पर्सनल लोन डबल डिजिट की ग्रोथ दर्ज की.
हालांकि, अप्रैल 2021 में, इन सेक्टरों को दिए जाने वाले लोन में 1 फीसदी से कम की कमी भी आई. पर्सनल लोन कैटेगरी में, हाउसिंग और ऑटो लोन में उत्साहजनक बढ़ोतरी देखने को मिली.
ऑटो लोन तो कोविड-19 के दौर के पहले की तुलना और बढ़ गया. दूसरी ओर 2020-21 की चौथी तिमाही में इंडस्ट्रियल सेक्टर को दिए जाने वाले में थोड़ा सुधार आया, जबकि पिछली पांच तिमाहियों में इसमें कमी देखी जा रही थी.
फिर भी पूरे साल इस सेक्टर को दिए जाने वाले लोन में गिरावट ही देखी गई. इसी तरह, सर्विस सेक्टर लोन में भी कमजोरी देखने को मिली. कोरोना काल की वजह से यह सेक्टर चौथी तिमाही में नेगेटिव जोन में चला गया. खास तौर पर, सरकारी बैंकों के लोन में खासी कमी आई.