फाइनेंशियल इनक्लूजन के लिए पेमेंट्स बैंकों को RBI का गिफ्ट, प्रति कस्टमर होल्ड की जाने वाली रकम दोगुनी की

RBI ने पेमेंट्स बैंक (Payments banks) में किसी ग्राहक की होल्ड की जाने वाली अधिकतम रकम की सीमा को दोगुना कर दिया है.

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RBI, Picture Courtesy: PTI

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Payments banks: फाइनेंशियल इनक्लूजन के लिए कोशिशें कर रहे पेमेंट्स बैंकों (Payments banks) को रिजर्व बैंक ने एक बड़ा तोहफा दिया है. RBI ने वित्तीय समावेश की दिशा में इन बैंकों के किए जा रहे कामों को और प्रोत्साहन देने के लिए प्रति कस्टमर इन बैंकों की होल्ड की जाने वाली रकम को दोगुना कर दिया है. RBI का ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. इससे देश में काम कर रहे आधा दर्जन से ज्यादा पेमेंट्स बैंकों (Payments banks) और उनके कस्टमर्स को फायदा होगा.

1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख की सीमा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पेमेंट्स बैंक (Payments banks) में किसी ग्राहक की होल्ड की जाने वाली अधिकतम रकम की सीमा को दोगुना कर दिया है. RBI ने तत्काल प्रभाव से इस सीमा को पहले के 1 लाख रुपये से बढ़ाकर अब 2 लाख रुपये कर दिया है. इस तरह से RBI ने MSME और दूसरे कारोबारों की जरूरतें पूरी करने के लिए पेमेंट्स बैंकों (Payments banks) के दायरे को बढ़ा दिया है. इस बारे में ऐलान RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में बुधवार को हुई मॉनेटरी पॉलसी की मीटिंग में किया गया था.

अभी तक के नियमों में पेमेंट्स बैंकों (Payments banks) को प्रति इंडीविजुअल कस्टमर्स अधिकतम 1 लाख रुपये का बैलेंस होल्ड करने की इजाजत दी गई थी.

फाइनेंशियल इनक्लूजन की कोशिशों का इनाम

रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर में कहा है, “वित्तीय समावेश के मकसद में जिस तरह से पेमेंट्स बैंकों (Payments banks) ने प्रगति की है, उसे देखते हुए और पेमेंट्स बैंकों (Payments banks) को कामकाज में और लचीलापन मुहैया कराने के मकसद से यह फैसला किया गया है कि पेमेंट्स बैंकों (Payments banks) के लिए प्रति कस्टमर दिन के अंत में अधिकतम बैलेंस की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया जाएगा. यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.”

पेमेंट्स बैंक (Payments banks) के प्रति कस्टमर होल्ड की जाने वाली अधिकतम रकम की सीमा को 1 लाख रुपये से दो लाख रुपये किए जाने का फैसला पेमेंट बैंकों के परफॉर्मेंस की समीक्षा के दौरान किया गया है. इसमें पेमेंट्स बैंकों (Payments banks) की फाइनेंशियल इनक्लूजन की कोशिशों को प्रोत्साहित करने और कस्टमर्स की जरूरतें पूरी करने की उनकी क्षमता के विस्तार पर विचार किया गया. पेमेंट्स बैंकों (Payments banks) के कस्टमर्स में MSME, छोटे ट्रेडर्स और मर्चेंट्स आते हैं. मौजूदा वक्त में देश में आधा दर्जन से ज्यादा पेमेंट्स बैंक (Payments banks) काम कर रहे हैं.

Published - April 9, 2021, 07:11 IST