भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को बड़ा तोहफा दिया है. 2021-22 से शुरू होने वाले पांच सालों में फैमिली पेंशन में संशोधन के कारण अतिरिक्त लायबिलिटी के रिवीजन करने की अनुमति दे दी है. आईबीआई ने कहा, ‘बैंकों को वित्तीय विवरणों के नोट्स टू अकाउंट्स में इस संबंध में अपनाई जाने वाली लेखा नीति का उचित खुलासा करना होगा.’ बता दें ये छूट भारतीय बैंक संघ (IBA) के अनुरोध के बाद दी गई है. कुछ बैंकों के लिए एक साल में पारिवारिक पेशन में संशोधन कर लायबिलिटी का बंदोबस्त करना कठिन होगा.
बैंकों के कर्मचारियों की फैमिली पेंशन को 11 नवंबर 20202 के 11वें द्विपक्षीय निपटान और संयुक्त नोट के हिस्से के रूप में संशोधित किया गया था. रिजर्व बैंक ने कहा, मुद्दों की नियामक दृष्टिकोण की जांच की गई. एक असाधारण केस के रूप में यह फैसला लिया गया है कि निपटान के तहत आने वाले बैंक मामले में कार्रवाई कर सकते हैं.
आईबीआई ने कहा कि अगर वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान लाभ और हानि अकाउंट में पूरी तरह से चार्ज नहीं किया जाएगा. वहीं 31 मार्च 2022 को खत्म होने वाले वित्तीय साल से शुरू होने वाले पांच सालों से अधिक की अवधि में परिशोधित किया जा सकता है. यह न्यूनतम के अधीन है, इसमें शामिल कुल रकम का 1/5 हर साल खर्च किया जा रहा है. IBA के सीईओ सुनील मेहता ने आरबीआई के फैसले पर खुशी जताई है. उन्होंने ट्वीट कर रिजर्व बैंक को धन्यवाद कहा है.
Family Pension में हुई बढ़ोतरी
बता दें कि अगस्त में सरकार ने बैंक कर्मचारियों की Family Pension को 30 पर्सेंट बढ़ोतरी का ऐलान किया था. यानी इसके बाद, पिछली पेंशन की तुलना में अब कर्मचारियों को 30 परसेंट ज्यादा फैमिली पेंशन मिलेगी. बता दें कि फैमिली पेंशन बढ़ाने की मांग लंबे दिनों से की जा रही थी. Indian Banking Association ने सरकार के सामने एक प्रस्ताव रखा था जिसमें इसकी डिमांड रखी गई थी जिसे मान लिया गया है. इस फैसले के बाद, बैंक कर्मचारी की जितनी अंतिम सैलरी थी, उससे 30 परसेंट बढ़ाकर फैमिली पेंशन के रूप में मिलेगी.
सरकार के इस कदम से बैंक कर्मचारी के प्रति परिवार को 30,000 रुपये से 35,000 रुपये ज्यादा का फायदा होगा. यानी एक परिवार को जो पहले फैमिली पेंशन (Family Pension) मिला करती थी, उसमें 30-35 हजार रुपये का इजाफा होगा.