बैंकों के 89 हजार करोड़ के 22 डूबते कर्ज खाते किए जाएंगे 'बैड बैंक' को हस्‍तांतरित

NPA: वित्त वर्ष 2012 के बजट में घोषित किया गया था, 500 करोड़ या उससे अधिक के डूबते कर्ज खाते एनएआरसीएल को सौंपे जाएंगे.

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मूडीज ने कहा कि अकोमोडेटिव इंटरेस्ट रेट्स (Accommodative interest rates) और लोन रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम्स (loan restructuring schemes) परिसंपत्ति जोखिम (asset risks) को कम करती रहेंगी. कोरोना वायरस पुनरुत्थान (coronavirus resurgence) में देरी होगी, लेकिन बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार पटरी से नहीं उतरेगा जो महामारी से पहले शुरू हो गया था.

मूडीज ने कहा कि अकोमोडेटिव इंटरेस्ट रेट्स (Accommodative interest rates) और लोन रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम्स (loan restructuring schemes) परिसंपत्ति जोखिम (asset risks) को कम करती रहेंगी. कोरोना वायरस पुनरुत्थान (coronavirus resurgence) में देरी होगी, लेकिन बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार पटरी से नहीं उतरेगा जो महामारी से पहले शुरू हो गया था.

NPA: सरकारी बैंक 89,000 करोड़ रुपये के अपने 22 डूबते कर्ज खातों (NPA) को एनएआरसीएल को हस्तांतरित करेंगे. करीब 2 लाख करोड़ के कुल डूबत कर्ज को किस्‍तों में हस्तांतरित किए जाने की संभावना है.

74.6 करोड़ की चुकता पूंजी के साथ पंजीकृत किया गया

नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) या तथाकथित ‘बैड बैंक’ को कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 74.6 करोड़ की चुकता पूंजी के साथ मुंबई में पंजीकृत किया गया है.

इसका नेतृत्व भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के स्‍ट्रेस्‍ड ऐसेट विशेषज्ञ पद्मकुमार माधवन नायर करेंगे, जो प्रबंध निदेशक के पद पर रहेंगे.

अन्य निदेशकों में इंडियन बैंक्‍स एसोसिएशन(आईबीए) के मुख्य कार्यकारी सुनील मेहता, एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक सली सुकुमारन नायर और केनरा बैंक के प्रतिनिधि अजीत कृष्णन नायर शामिल हैं.

एनएआरसीएल 7 जुलाई को स्थापित किया गया

भारत में डूबत ऋण के खतरे के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में जाना जाने वाला एनएआरसीएल 7 जुलाई को 100 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ स्थापित किया गया है.

आरओसी की फाइलिंग के मुताबिक इसे “केंद्र सरकार की कंपनी” के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इस बैड बैंक की स्थापना भारत की वित्तीय प्रणाली को साफ-सुथरा बनाए रखने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है, जो फंसे कर्ज के मामले में दुनिया में बदनाम है.

फंसे हुए कर्जों को एनएआरसीएल में स्थानांतरित करने से बैंकों को अपने घाटे में कटौती करने और उधारी खाते को साफ-सुथरा रखने में मदद मिलेगी.

मामले से जुड़े एक आला अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया “ कंपनी की स्थापना के बाद अब हमें भारतीय रिजर्व बैंक से ऐसेट रिकंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी (एआरसी) का लाइसेंस लेना होगा.

इसके लिए डॉक्यूमेंट्स तैयार किए जा रहे हैं. मंजूरी मिलने के साथ ही एनएआरसीएल जल्द ही परिचालन शुरू कर देगा,

500 करोड़ से अधिक के डूबत कर्ज खाते एनएआरसीएल को सौंपे जाएंगे

सरकारी बैंक 89,000 करोड़ रुपये के अपने 22 डूबत कर्ज खातों को एनएआरसीएल को हस्तांतरित करेंगे. करीब 2 लाख करोड़ के कुल डूबत कर्ज को किस्‍तों में हस्तांतरित किए जाने की संभावना है.

जैसा कि वित्त वर्ष 2012 के बजट में घोषित किया गया था, 500 करोड़ या उससे अधिक के डूबत कर्ज खाते एनएआरसीएल को सौंपे जाएंगे. वह एक एएमसी कंपनी के रूप में इन डूबे कर्जों की वसूली के उपायों पर काम करेगा.

Published - July 13, 2021, 04:18 IST