क्रेडिट, डेबिट कार्ड के नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे

5,000 रुपये से कम के सभी ऑटो-डेबिट ट्रांजेक्शन के लिए, RBI ने ऑथेंटिकेशन का एक एडिशनल फैक्टर (AFA) इंट्रोड्यूस किया है.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 28, 2021, 09:38 IST
How to Maintain a Healthy Credit Score When Using a Credit Card

ध्यान रखने वाली बात यह है कि क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर भी अपनी आय का केवल 5-10% ही खर्च करें.इससे पैसे की बचत करते हुए फेस्टिवल सेलिब्रेट करना आसान होगा

ध्यान रखने वाली बात यह है कि क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर भी अपनी आय का केवल 5-10% ही खर्च करें.इससे पैसे की बचत करते हुए फेस्टिवल सेलिब्रेट करना आसान होगा

New credit-debit card rule: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 अक्टूबर, 2021 से किसी के बैंक अकाउंट में ऑटो-डेबिट फैसिलिटी के लिए कुछ नए सिक्योरिटी फीचर के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है. नए नियमों के मुताबिक, जो ऑटो-डेबिट फैसिलिटी का इस्तेमाल करते हैं रेकरिंग बिल या उनके बैंक अकाउंट से समान मासिक किस्तों (EMI) का पेमेंट करने के लिए उन्हें 1 अक्टूबर से कुछ ऑटो-डेबिट ट्रांजेक्शन मैन्युअली करने पड़ सकते हैं. जबकि एक्सिस और HDFC जैसे कई बैंकों ने अपने कस्टमर्स को आगामी ऑटो-डेबिट ट्रांजेक्शन के फेल होने की संभावना के बारे में पहले ही अलर्ट कर दिया था, कुछ पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर ने अभी तक RBI के नए नियमों का पालन नहीं किया है.

HDFC बैंक ने अपनी वेबसाइट पर लिखा कि “कस्टमर्स की सुरक्षा के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्ड से पेमेंट करने के लिए नए सुरक्षा उपाय किए हैं. कृपया ध्यान दें: 1 अक्टूबर 2021 से, HDFC बैंक अपने क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड पर मर्चेंट वेबसाइट/ऐप पर दिए गए किसी भी स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन (रेकरिंग पेमेंट के प्रोसेसिंग के लिए ई-मैंडेट) को तब तक मंजूरी नहीं देगा, जब तक कि यह RBI की अनुपालन प्रक्रिया (कम्प्लायंट प्रोसेस) के अनुसार न हो.”

एक्सिस बैंक ने कहा, “RBI के रेकरिंग पेमेंट गाइडलाइन w.e.f. 20-09-21, के अनुसार, रेकरिंग ट्रांजेक्शन के लिए आपके एक्सिस बैंक कार्ड (कार्डों) पर स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन को मंजूर नहीं किया जाएगा. आप अनइंटरप्टेड सर्विस के लिए सीधे अपने कार्ड का इस्तेमाल करके मर्चेंट को पेमेंट कर सकते हैं.”

ई-मैंडेट क्या है?

‘ई-मैंडेट’ को प्रोसेस करने के लिए RBI का नया फ्रेमवर्क, डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर RBI और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा रेकरिंग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए 2018 में शुरू किया गया, पहले ये मार्च, 2021 से प्रभावी होने वाला था. बाद में तारीख को 1 अक्टूबर, 2021, तक आगे बढ़ा दिया गया था क्योंकि कई स्टेक होल्डर ने लागू करने के लिए और समय की मांग की थी.

ई-मैंडेट मूल रूप से स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन का एक सेट है जो बैंकों और कॉरपोरेट्स को कस्टमर्स से वर्चुअली और बिना मानवीय हस्तक्षेप (ह्यूमन इंटरवेंशन) के पेमेंट कलेक्ट करने की परमिशन देता है. यह बैंकों को आपकी EMI, म्यूचुअल फंड SIP, डिजिटल सब्सक्रिप्शन आदि के लिए ऑटो-डेबिट की रिक्वेस्ट को प्रोसेस करने में सक्षम बनाता है.

नया क्या है?

नए नियमों के अनुसार, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, UPI और दूसरे प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) के माध्यम से किए गए 5,000 रुपये से कम के सभी ऑटो-डेबिट ट्रांजेक्शन के लिए, सेंट्रल बैंक ने ऑथेंटिकेशन का एक एडिशनल फैक्टर (AFA) इंट्रोड्यूस किया है. वहीं, 5,000 रुपये से अधिक के ऑटो-डेबिट ट्रांजेक्शन के लिए, ट्रांजेक्शन को कस्टमर द्वारा वन-टाइम पासवर्ड (OTP) के माध्यम से मैन्युअली ऑथेंटिकेट (प्रमाणित) करना होगा. इसलिए सभी स्टेकहोल्डर्स को 30 सितंबर, 2021 तक फ्रेमवर्क को पूरी तरह लागू करने की जरूरत है.

पेमेंट से कम से कम 24 घंटे पहले बैंक कस्टमर को प्री-डेबिट मैसेज या ईमेल भेजेंगे. यह कस्टमर को अपकमिंग एक्सपेंस को रिव्यू करने और यदि वो चाहें तो कैंसिल करने के लिए एक ‘अलर्ट मैसेज’ के तौर पर काम करेगा. प्री-ट्रांजेक्शन नोटिफिकेशन कार्ड होल्डर को मर्चेंट का नाम, ट्रांजेक्शन अमाउंट, डेट, डेबिट का समय, ट्रांजेक्शन का रेफरेंस नंबर, ई-मैंडेट, डेबिट की वजह के बारे में इन्फॉर्म करेगा.

ध्यान रखें

कस्टमर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डेबिट/क्रेडिट कार्ड के साथ सही मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है जिसका इस्तेमाल नोटिफिकेशन के अप्रूवल के लिए किया जाएगा. यदि रजिस्टर्ड नंबर एक्टिव नहीं है या अनअवेलेबल है, तो आप नोटिफिकेशन मिस कर सकते हैं और आपका ऑटो-डेबिट अटक जाएगा. खास तौर से, यह फ्रेम वर्क सभी रेकरिंग पेमेंट पर लागू होगा.

Published - September 28, 2021, 09:38 IST