Money Transfer: कोरोना महामारी के दौर में अधिकांश ट्रांजैक्शन डिजिटल ही हो रहा है. ज्यादातर पेमेंट और मनी ट्रांसफर (Money Transfer) ऑनलाइन तरीके से ही हो रहे हैं, लेकिन यह सुविधा जितनी आसान है उतनी ही जोखिम वाली भी है.
जरा सी चूक से पैसा किसी और अकाउंट में भी ट्रांसफर हो सकता है.अगर आपके साथ कभी ऐसा हुआ है, तो आज हम आपको बता रहें हैं कि ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए.
किसी दूसरे व्यक्ति के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर होने पर बैंक को तत्काल सूचना दें. बैंक को इस ट्रांजेक्शन के बारे में पूरी जानकारी दें.
इसमें ट्रांजेक्शन की तारीख और समय, अपना अकाउंट नंबर और जिस अकाउंट नंबर में भूल से पैसे ट्रांसफर हुए हैं, उसका भी उल्लेख करें.
आपकी सूचना के आधार पर बैंक उस व्यक्ति के बैंक को सूचना देगा, जिसके खाते में गलती से पैसा ट्रांसफर हो गया है. बैंक उस व्यक्ति से गलत ट्रांसफर हुए पैसा को वापस करने की अनुमति मांगेगा.
आपने जिसके खाते में पैसे भेजे हैं, वह भी उसी बैंक का ग्राहक है, तो बैंक आपकी ओर से बेनेफिशियरी से संपर्क कर पैसे वापस भेजने के लिए रिक्वेस्ट करेगा.
बेनेफिशियरी के सहमत होने की स्थिति में 7 वर्किंग डेज में आपके खाते में पैसे वापस आ जाएंगे. अगर बेनेफिशिएरी किसी अन्य ब्रांच का है, तो आपको खुद उस ब्रांच में जाकर बैंक मैनेजर से बात करनी होगी.
अकाउंट नंबर में थोड़ी सी चूक आपके लिए भारी पड़ सकती है. इसलिए आप जब कभी पैसे ट्रांसफर करते समय डिटेल डाल रहे हों, उसे दोबारा चेक कर लीजिए.
बेहतर रहेगा कि बड़ी राशि ट्रांसफर करने से पहले छोटी राशि ट्रांसफर कर चेक कर लीजिए कि वह सही प्राप्तकर्ता के अकाउंट में जा रहा है.
अगर खाताधारक रकम लौटाने से मना करे
अगर व्यक्ति पैसा लौटाने से इनकार करता है, तो उसके खिलाफ कोर्ट में केस भी दर्ज कराया जा सकता है. हालांकि, पैसा वापस न करने की स्थिति में यह अधिकार आरबीआई नियमों के उल्लंघन के संदर्भ में होता है.
अगर आप का किसी भी बैंक में इंटरनेट खाता है, तो आप ऑनलाइन NEFT और RTGS के तहत पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके लिए बैंक के द्वारा मिले हुए पासवर्ड और यूजर नेम संख्या को ऑनलाइन बैकिंग प्रणाली में डालकर लॉग-इन करें.
इसके बाद थर्ड पार्टी ट्रांसफर या सेम बैंक अकाउंट होल्डर के विकल्प पर जाकर, जिसको पैसा भेजा जाना है उसका विवरण भरें.
आधे घंटे के भीतर बैंक वेरीफाई कर आपके खाते को संबंधित खाते से लिंक कर देता है. हालांकि, निजी और प्राइवेट बैंकों के नियम अलग-अलग हैं.