अमेरिकी पेमेंट्स टेक्नॉलजी कंपनी मास्टरकार्ड ने नए कार्ड जारी किए जाने पर रोक लगने के बाद रिजर्व बैंक को इस मामले में ऑडिट रिपोर्ट सौंपी है. कंपनी ने कहा है कि इसमें डेटा स्टोरेज से जुड़े देश के नियमों का पालन किए जाने का ब्योरा दिया गया है.
रिजर्व बैंक ने 14 जुलाई को मास्टरकार्ड के नए क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड जारी होने पर रोक लगाई थी. बैन 22 जुलाई से लागू हुआ था। लोकल डेटा स्टोरेज से जुड़े निर्देशों का पालन नहीं कर पाने की वजह से कंपनी पर प्रतिबंध लगाया गया था. निर्देश के तहत, पेमेंट कंपनियां भारतीय ग्राहकों से जुड़ी जानकारियां सिर्फ देश में ही स्टोर कर सकती हैं.
कंपनी का कहना है कि डेटा स्टोरेज से जुड़ा RBI का 2018 का निर्देश जारी होने के बाद से मास्टरकार्ड इस मोर्चे पर लगातार केंद्रीय बैंक और भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है. कंपनी ने सुनिश्चित किया है कि निर्देशों का सही से पालन किया जाए.
मास्टरकार्ड का यह भी कहना है कि वह RBI के निर्देश से जुड़ी किसी अतिरिक्त जरूरत को पूरा करने के लिए भी तैयार है, ताकि मामले को ‘जल्द से जल्द’ खत्म किया जा सके.
अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल के बाद मास्टरकार्ड तीसरी कंपनी है जिसपर RBI ने डेटा स्टोरेज के निर्देशों का सही से पालन नहीं किए जाने के चलते इस तरह का बैन लगाया है. केंद्रीय बैंक ने कहा था कि कई मौके दिए जाने के बावजूद मास्टरकार्ड ‘स्टोरेज ऑफ पेमेंट सिस्टम डेटा’ के निर्देशों का उल्लंघन करती पाई गई है.