लोन पर कार खरीदने से सस्ता विकल्प होगा लीजिंग, जानिए क्या हैं इसके फायदे और नुकसान

लीज पर कार लेने का फायदा यह है कि आपको इसके लिए डाउनमेंट नहीं करना होता है. मैंटेनेस और दूसरे खर्चे भी आपको नहीं करनी पड़ेंगे.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 14, 2021, 04:22 IST
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कार लीजिंग का मतलब है कि कार आपके पास रहगी और इसके बदले आपको हर महीने एक तय रकम देनी होगी.

कार लीजिंग का मतलब है कि कार आपके पास रहगी और इसके बदले आपको हर महीने एक तय रकम देनी होगी.

देश में बहुत से लोग कार खरीदने की इच्छा रखते हैं, लेकिन आर्थिक कारणों के चलते खरीद नहीं पाते हैं. वहीं, कुछ लोग रख-रखाव जैसे कारणों के चलते इससे पीछे हट जाते हैं. इसे देखते हुए कुछ कार कंपनियां लीज पर कार दे रही हैं. भारत में यह ट्रेंड लोगों को पसंद आ रहा है. कार कंपनियां इसे सीमित समय के लिए लीज पर देती हैं. इसमें कार की मैंटेनेस और सर्विसिंग की सुविधा भी दे रही हैं. कंपनियां कार को लीज पर देने के साथ कुछ शर्ते भी जोड़ रही हैं, जिनका कस्टमर को पालन करना होता है. नई स्क्रेपेज पॉलिसी से कार लीजिंग भी पोप्युलर होगा, क्योंकि पुराने व्हीकल्स को रखना अब महंगा हो जाएगा.

क्या है स्क्रैप पॉलिसी?

इस नई स्क्रैप पॉलिसी के मुताबिक 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप (कबाड़) कर दिया जाएगा. कमर्शियल गाड़ी जहां 15 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेगी, वहीं निजी गाड़ी के लिए यह समय 20 साल है. अगर सीधे शब्दों में कहें तो आपकी 20 साल पुरानी निजी कार को रद्दी माल की तरह कबाड़ी में बेच दिया जाएगा. वाहन मालिकों को तय समय बाद ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर ले जाना होगा. सरकार का दावा है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन मालिकों का न केवल आर्थिक नुकसान कम होगा, बल्कि उनके जीवन की सुरक्षा हो सकेगी. सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी होगी.

क्या है कार लीजिंग

कार लीजिंग का मतलब है कि कार आपके पास रहगी और इसके बदले आपको हर महीने एक तय रकम देनी होगी. यह कीमत कार के मॉडल, समयावधि आदि को ध्यान में रखकर तय की जाएगी. इसके लिए डाउन पेमेंट नहीं देना होगा लेकिन सिक्योरिटी राशि देनी होगी. साथ ही इसको चलाने के किलोमीटर भी तय होंगे. तय किमी से ज्यादा कार चलाने पर ज्यादा राशि देनी होगी. कंपनी हर तीन महीने में सर्विस भी करवाकर भी देगी.

ये कंपनियां दे रही सर्विस

कार कंपनियां 12 से 60 महीनों की अवधि के लिए लीज की पेशकश करती हैं. यह अवधि शहर और मॉडल पर निर्भर करती है. मारुति सुजुकी, ह्युंडई, महिंद्रा एंड महिंद्रा, BMW और वोक्सवैगन जैसी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां देश में न्यूनतम या बिना डाउन पेमेंट के कारें लीज पर दे रही हैं. उदाहरण के लिए, मारुति सुजुकी के वैगनआर, स्विफ्ट, डिजायर, विटारा ब्रेजा और बलेनो सहित कई मॉडल्स को लीज पर लिया जा सकता है.

लीज पर कार लेने का फायदा और नुकसान

लीज पर कार लेने का फायदा यह है कि आपको इसके लिए डाउनमेंट नहीं करना होता है. मैंटेनेस और दूसरे खर्चे भी आपको नहीं करनी पड़ेगी. आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि हर महीने रकम चुकाने के बाद भी आप कार के मालिक नहीं बन सकते हैं. तय समय बाद कार कंपनी को लौटानी होती है.

Published - August 14, 2021, 04:22 IST