सपनों को पंख देने के लिए शिक्षा जरूरी है. हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए अपनी जमापूंजी उसपर खर्च कर देते हैं. लेकिन शिक्षा दिनो-दिन महंगा होती जा रही है. ऐसे में हायर एजुकेशन के लिए माता-पिता की सेविंग कम पड़ जाती है, और फिर सामने होता है एजुकेशन लोन का विकल्प. अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तो ऐसी स्थिति में आप अपने बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए लोन ले सकते हैं.
किसे मिलेगा एजुकेशन लोन
एजुकेशन लोन छात्र के नाम पर दिया जाता है. लेकिन आवेदक में माता-पिता या फिर अभिभावक का भी नाम होता है. आवेदन करने वाला भारतीय नागरिक होना जरूरी है. भारत में पढ़ाई या उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्र लोन ले सकते हैं.
एजुकेशन लोन के मुकाबले पर्सनल लोन हैं ज्यादा आसान
दूसरी ओर, पर्सनल लोन लेना थोड़ा आसान होता है. एजुकेशन लोन लेने की जगह ज्यादा आसान पर्सनल लेने का ऑप्शन मौजूद है. एजुकेशन के लिए लिया गया है पर्सनल लोन का उपयोग एजुकेशन से संबंधित सभी खर्चों को कवर किया जा सकता है.
पर्सनल लोन की ब्याज दरें होती हैं ज्यादा
पर्सनल लोन के असुरक्षित होने के कारण उन्हें कोलैटरल की आवश्यकता नहीं होती है और न ही को अप्लीकेंट की जरुरत होती है. हालांकि पर्सनल लोन के लिए उपलब्ध राशि आमतौर पर एजुकेशन लोन के मुकाबले काफी कम होगी और ब्याज दरें आम तौर पर अधिक होंगी.
एक ही उधारदाता के एजुकेशन लोन का इंटरेस्ट रेट (Interest Rate), आम तौर पर पर्सनल लोन से कम होता है. उदाहरण के लिए, एक बड़ा सरकारी बैंक कम-से-कम 6.80% इंटरेस्ट रेट पर एजुकेशन लोन और कम-से-कम 9.60% इंटरेस्ट रेट पर पर्सनल लोन देता है. इन दोनों लोन का इंटरेस्ट रेट और इन दोनों केटेगरी में मौजूद अंतर, अलग-अलग बैंक/लोन कंपनी में अलग-अलग होता है.
जमानत और गारंटर
पर्सनल लोन उधारकर्ताओं को कोई गारंटर (Guaranter) देना या जमानत/गिरवी रखना नहीं पड़ता है. इस सुविधा के कारण ही यह इतना लोकप्रिय है. एजुकेशन लोन आम तौर पर छात्र के नाम से दिया जाता है, इसलिए वहां एक सह-आवेदक या गारंटर की जरूरत पड़ती है.
लोन रीपेमेंट पीरियड
एजुकेशन लोन का रीपेमेंट पीरियड (Repayment Period), 15 साल तक हो सकता है. रीपेमेंट पीरियड जितना लम्बा होता है, EMI उतनी कम होती है. पर्सनल लोन का रीपेमेंट पीरियड, अधिकतम 5 साल तक का होता है. इसके साथ ही इसमें इंटरेस्ट रेट भी ज्यादा होता है. इससे उसकी EMI भी ज्यादा बनती है.
मोरेटोरियम पीरियड
मोरेटोरियम (Moratorium), उधारदाता द्वारा दिया जाने वाला मुहलत है जिस अवधि के दौरान लोन की ईएमआई (EMI) नहीं भरनी पड़ती है. एजुकेशन लोन में यह आम तौर पर कोर्स शुरू होने से लेकर कोर्स पूरा होने के बाद 6 से 12 महीने तक के लिए दिया जाता है. मोरेटोरियम ख़त्म होने के बाद रीपेमेंट (Repayment) शुरू हो जाता है. मेडिकल इमरजेंसी, बेरोजगारी, इत्यादि के कारण इस पीरियड को आगे बढ़ाया जा सकता है. पर्सनल लोन में कोई मोरेटोरियम नहीं मिलता है.