Instant Loan: भारत में फिनटेक कंपनियों ने Instant Loan देने में आक्रामक रुख अपनाया है. हालांकि इसका मतलब उधार लेने वालों के लिए ज्यादा ऑप्शन से है. लेकिन ऐसे में उनके कंफ्यूज होने और गलत लैंडिंग ऐप्स के जाल में फंसने की संभावना भी होती है. ये सभी प्लेटफॉर्म अट्रैक्टिव ऑफर पेश करते हैं और ग्राहक को सबसे सस्ता लोन देने का वादा करते हैं. लेकिन आप इतने सारे विकल्पों के बीच एक विश्वसनीय फिनटेक लैंडर कैसे चुनें? उधार लेने के लिए एकसही लैंडर की पहचान कैसे करें ताकि धोखाधड़ी के जाल में न फंसे?
ट्रू बैलेंस के फाउंडर और ग्लोबल CEO चार्ली ली ने कहा, “किसी भी लोन-संबंधी बातचीत को आगे बढ़ाने से पहले, एक उधारकर्ता को यह सुनिश्चित करने की जरूरत होती है कि क्या लैंडर RBI या रेगुलेटेड स्टेट गवर्नमेंट द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था है.
उदाहरण के लिए, ट्रू बैलेंस एक ‘डिजिटल लेंडिंग प्लेटफार्म’ है जो RBI ऑथराइज्ड है, जो ट्रू क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से पैसा उधार देता है जो एक RBI लाइसेंस प्राप्त एन्टिटी है. RBI ने डिजिटल लेंडिंग प्लेटफार्म को बैंकों या NBFC के नाम और पते की घोषणा करना अनिवार्य कर दिया है”
जिस ऐप से आप लोन ले रहे हैं, उसकी क्विक सर्च करने और उसके लाइसेंस और विश्वसनीयता की जांच करने में केवल कुछ मिनट लगते हैं.
कंज्यूमर को लोन लेने से पहले ये जांच जरूर करनी चाहिए क्योंकि आंख बंद करके किसी भी ऐप से लोन लेना आपके लिए बहुत रिस्की हो सकता है. सिंपल ड्यू डिलिजेंस दोनों के लिए आवश्यक है ये उन्हें अवैध आवेदनों और गलत लैंडर से बचाता है.
जहां कुछ लेंडिंग ऐप्स को अंडरराइटिंग और प्रमाणिकता की जांच करने के लिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी की जरूरत होती है, वहीं कई छोटे लेंडर आपसे एप्लीकेशन फीस और मेंबरशिप फीस भी लेते हैं.
उधार देने वाले प्लेटफॉर्म क्रेडिट हिस्ट्री की जगह डिटेल्स मांगते हैं क्योंकि वो लोन देने के लिए कोई कॉलेटरल नहीं लेते हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके द्वारा शेयर किए गए डेटा का गलत इस्तेमाल नहीं किया जाएगा ये जांचना जरूरी है कि क्या कंपनी लाइसेंस प्राप्त है और अपनी प्रैक्टिस में ट्रांसपेरेंट है.
आल्टरनेट-बेस्ड क्रेडिट असेसमेंट प्लेटफॉर्म अल्गो 360 के CEO और को-फाउंडर अमित दास ने कहा, “सबसे पहले, ऐप पर अपना लोन अप्रूव करने के लिए कभी भी फीस का भुगतान न करें.
लार्ज टिकट लोन (जैसे होम लोन) के लिए ऑफलाइन वर्ल्ड में फीस-बेस्ड एप्लीकेशन कुछ हद तक कॉमन हैं. पर्सनल लोन के लिए, ग्राहकों को उन लेंडर्स से ज्यादा सावधान रहना चाहिए जो पहले पैसे मांगते हैं.
ऐसे ज्यादातर लैंडर बहुत ज्यादा इंटरेस्ट रेट पर लोन देते हैं, और एक व्यक्ति को डेट ट्रैप में फंसा सकते हैं.”
ऐसे ऐप्स हैं जो डिस्बर्सल के हिस्से के रूप में फीस लेते हैं (और शुरुआत में नहीं) इसलिए, 1,000 रुपये के लोन के लिए, यह संभव है कि ग्राहक को उनके बैंक अकाउंट में केवल 850 रुपये मिले क्योंकि 150 रुपये प्रोसेसिंग फीस के तौर पर काटे गए हैं. लेकिन ग्राहक की लोन लायबिलिटी 1,000 रुपये बनी हुई है.
हालांकि इस तरह के उधार देने का विरोध किया जाता है, लेकिन कई ऐप-बेस्ड लेंडर अभी भी इस तरह लोन दे रहे हैं. ग्राहकों को अपने बैंक अकाउंट में डिस्बर्समेंट करने से पहले नियमों और शर्तों को बहुत ध्यान से पढ़ना चाहिए और लोन कैलकुलेशन पर ध्यान देना चाहिए.
ली ने बताया, “ट्रू बैलेंस पर, हम लोन अप्रूव होने से पहले कोई एप्लीकेशन फीस या चार्ज नहीं लेते हैं. बल्कि, लोन के डिस्बर्समेंट से पहले, हम कंज्यूमर के साथ लोन, इंटरेस्ट, टेन्योर आदि की सभी डिटेल्स शेयर करते हैं ताकि वो चेक करके निर्णय लें सकें कि क्या वो लोन लेना चाहते हैं.
हमारे प्लेटफॉर्म पर कंज्यूमर केवल उस अमाउंट का भुगतान करते हैं जिसके लिए वो राजी हुए थे और हम अपनी प्रैक्टिस में पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट हैं. हम कभी भी कोई हिडेन चार्ज नहीं लगाते है.”
यदि उधार लेने वाले को कुछ समझ नहीं आता है, तो उन्हें तुरंत इसे लैंडर से पूछना चाहिए और जरूरत पड़ने पर इसे RBI लोकपाल के पास ले जाने के लिए तैयार रहना चाहिए.
हालांकि, दास कहते हैं कि ग्राहक को केवल तभी लोन लेना चाहिए जब उन्हें पता हो कि कौन सा रेगुलेटेड NBFC या बैंक उन्हें लोन दे रहा है.
कई फिनटेक /लोन ऐप रेगुलेटेड NBFC के साथ काम करते हैं लेकिन खुद NBFC नहीं हैं. इस वजह से कस्टमर कन्फ्यूज्ड हो जाते हैं. इस फ्रंट पर रेगुलेटर और बड़े वित्तीय संस्थानों द्वारा बहुत अधिक एजुकेशन की जरूरत है.
दास ने जोर देते हुए कहा, “हम फाइनेंस इंस्टीट्यूशन द्वारा मांगी जा रही ऐसी जानकारी शेयर करने से इंकार कर सकते हैं जिसे हम शेयर करने में कंफर्टेबल नहीं हैं.
ऐसी जानकारी केवल तभी शेयर की जानी चाहिए जब हमें इंस्टीट्यूशन पर भरोसा हो, और यदि यह लोन की शर्तों में सुधार करता है – जैसे फीस, इंटरेस्ट रेट, आदि.
हालांकि, किसी भी डेटा / इंफॉर्मेशन रिक्वेस्ट पर हमारी पहली प्रतिक्रिया यह जांचना होनी चाहिए कि लोन को मंजूरी देने के लिए ऐसी जानकारी की आवश्यकता क्यों है.”
ज्यादातर इंस्टीट्यूशन और ऐप्स से अपेक्षा की जाती है कि वो क्लियर करें कि उन्हें रिक्वेस्ट की गई इंफॉर्मेशन की जरूरत क्यों है.
बहुत बड़ी संख्या में अवैध इंस्टेंट लोन ऐप हैं, लेकिन साथ ही बड़ी संख्या में सही लोन देने वाले प्लेटफार्म भी हैं जो RBI द्वारा लाइसेंस प्राप्त हैं और सेफ और सिक्योर तरीके से लोन देने के लिए ऑथराइज्ड हैं.
ली के अनुसार, कंज्यूमर को यह चेक करना चाहिए कि कोई प्लेटफॉर्म सरकार द्वारा अधिकृत और मान्यता प्राप्त है या नहीं.
कंपनी का भारत में एक रजिस्टर्ड ऑफिस भी होना चाहिए और संस्था की एक फंक्शनल वेबसाइट होनी चाहिए.
ली ने कहा, “सबसे जरूरी बात यह है कि उधार लेने से पहले लाइसेंस, इन्वेस्टमेंट और प्रोसेस की ट्रांसपेरेंसी चेक करने की जरूरत होती है, जिसे आमतौर पर कंपनी की वेबसाइट पर शेयर किया जाता है.
ट्रू बैलेंस पर, हम न केवल RBI द्वारा उधार देने के लिए ऑथराइज्ड हैं, बल्कि हम इस जानकारी को अपने कंज्यूमर के साथ शेयर भी करते हैं.
हमारा मकसद सेफ और सिक्योर प्रैक्टिस के जरिए सभी को फाइनेंस उपलब्ध कराना है, यही वजह है कि कंज्यूमर को हम पर भरोसा है और हमने पिछले कुछ सालों में तेजी से ग्रोथ देखी है”
ट्रू बैलेंस के अलावा, कुछ पॉपुलर फिनटेक लेंडर्स में पेटीएम पेमेंट्स बैंक, मनीटैप, लेंडिंगकार्ट और जेस्टमनी जैसे नाम शामिल हैं.