ऐसे करें रिटायरमेंट की प्लानिंग, आसानी से तैयार हो जाएगा 10 करोड़ का फंड

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोई 30 साल की उम्र से पहले रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देता है तो रिटायरमेंट के बाद की लाइफ के लिए एक अच्छा फंड बना सकता है.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 31, 2021, 04:18 IST
In this way you will plan your retirement, then a fund of Rs 10 crore will be ready

एक अच्छी रिटायर्ड लाइफ के लिए एक अच्छी प्लानिंग होना चाहिए.

एक अच्छी रिटायर्ड लाइफ के लिए एक अच्छी प्लानिंग होना चाहिए.

एक सीनियर सिटीजन के लिए रिटायरमेंट के बाद चिंता मुक्त जीवन बिताने के लिए सबसे जरूरी है, एक बड़े रिटायरमेंट फंड का होना. हम में से ज्यादातर लोग अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए फंड तैयार करने पर ध्यान नहीं देते हैं. ऐसे में जब हमें उस फंड की जरुरत का एहसास होता है, तब तक बहुत देर हो जाती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कोई 30 साल की उम्र से पहले रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देता है तो रिटायरमेंट के बाद की लाइफ के लिए एक अच्छा फंड बनाना उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं है.

आमतौर पर एक व्यक्ति को पहली नौकरी 24 से 26 साल की उम्र में मिल जाती है. अगर वह 28 से 29 साल की उम्र से रिटायरमेंट की प्लानिंग करना शुरू कर देता है तो वह अपने रिटायरमेंट के बाद की लाइफ को बहुत अच्छा बना सकता है.

हम 29 साल की उम्र से रिटायरमेंट के लिए निवेश करना शुरू करने वाले व्यक्ति पर विचार करते हैं. जिसके पास अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए कुल 31 साल बचे हैं.

आपको बता दें अच्छे मैनेजमेंट और डिसिप्लिन के साथ यह व्यक्ति 10-11 करोड़ रुपये का फंड भी अपने रिटायरमेंट के लिए तैयार कर सकता है.

जानिए कैसे तैयार होगा 10 करोड़ रुपये का फंड

हम SIP फॉर्मेट, PPF, NPS और EPF के जरिए इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड, मिक्स्ड इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो पर विचार करेंगे. इसके साथ ही फिक्स्ड डिपॉजिट्स और इक्विटी मार्किट इंवेस्टमेंट्स को भी समझेंगे.

म्यूचुअल फंड

रिटायरमेंट के बाद के लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए म्यूचुअल फंड एक महत्वपूर्ण साधन हैं. लेकिन आपको डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने की जरुरत होती है. आप SIP के जरिए MF में अपने निवेश की प्लानिंग कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोई भी व्यक्ति 500 रुपये से कम से SIP शुरू कर सकता है.

एक 29 साल का व्यक्ति जो 60 साल की आयु में रिटायर होने का प्लान कर रहा है. अगर वह 15,000 रुपये का मासिक SIP शुरू करता है. तो 60 साल तक वह लगभग 56,00,000 रुपये का निवेश कर चुका होता है.

किसी भी इक्विटी आधारित MF से मामूली 13% रिटर्न मानते हुए उसे 60 साल की उम्र में लगभग 7.6 करोड़ रुपये मिलेंगे. अगर व्यक्ति ज्यादा रिस्क लें और अधिकतर अपना पैसा इक्विटी बेस्ड डायरेक्ट ग्रोथ फंड में लगाए तो उसे 12.2 करोड़ रूपये तक का एक कार्पस मिल सकता है.

नेशनल पेंशन सिस्टम

MF के अलावा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अब तक के सबसे अच्छे इक्विटी-बेस्ड और सुरक्षित रिटायरमेंट विकल्पों में से एक है. एक युवा निवेशक होने के नाते आप अपने मासिक कार्पस का 75% इक्विटी में और शेष कॉर्पोरेट और सरकारी बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं.

इस निवेश पैटर्न से आपको सालाना कम से कम 11 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है. कोई व्यक्ति 31 साल के समय के लिए हर महीने केवल 4,000 रुपये का निवेश करता है तो उसे लगभग 1.1 करोड़ रुपये मिलेंगे.

इस कॉर्पस में से 61 लाख रुपये का भुगतान 60 साल की उम्र में किया जाएगा. बाकी के 40 लाख रुपये का इस्तेमाल एन्युटी देने में किया जाएगा. जिससे 7% वार्षिकी दर पर व्यक्ति को अपने रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए लगभग 26,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती रहेगी.

PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड)

MF और NPS दोनों ही इक्विटी बेस्ड सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट हैं. ऐसे में फिक्स्ड-रिटर्न पोर्टफोलियो के लिए हम PPF निवेश के पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर विचार कर सकते हैं. PPF 15 साल के स्टार्टिंग लॉक इन पीरियड के साथ आता है. यह केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से गारंटीकृत है जो सालाना 7.1 फीसदी के कंपाउंड इंटरेस्ट रेट पर लंबी अवधि का रिटर्न पेश करता है. जमाकर्ता 15 साल की स्टार्टिंग लॉक इन पीरियड की समाप्ति के बाद 5 साल के ब्लॉक में अपने निवेश को अनिश्चित काल तक बढ़ा सकते हैं.

वहीं कोई व्यक्ति 31 साल के लिए PPF खाते में हर साल 7.1% ब्याज दर पर 1.25 लाख रुपये (सालाना सीमा 1.5 लाख रुपये है) जमा करता है. तो लॉक इन पीरियड समाप्त होने के बाद मैच्योर हुई रकम लगभग 1.4 करोड़ रुपये होगी.

इनकम टैक्स एक्सपर्ट नारायण जैन के मुताबिक PPF किसी व्यक्ति के लॉन्ग टर्म के फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद कर सकता है.

EPF (एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड )

एम्पलाई प्रोविडेंट फंड (EPF) सरकार द्वारा गारंटीकृत सेविंग इंस्ट्रूमेंट है जो 8.5% की हाईएस्ट इंटरेस्ट रेट देता है. यह सबसे अच्छा और सुरक्षित निवेश ऑप्शन है जो हाईएस्ट रिटर्न देता है. सरकार की नवीनतम गाइडलाइन के अनुसार किसी भी व्यक्ति की बेसिक सैलरी उसकी पूरी सैलरी का 50% होगी. ऐसे में अगर व्यक्ति की बेसिक सैलरी 30,000 रुपये प्रति माह है. तो 31 साल की पूरी अवधि के बाद व्यक्ति को बदले में लगभग 89 लाख रुपये मिलेंगे. इसके लिए व्यक्ति का एकमात्र योगदान केवल 12.5 लाख रुपये है, एम्प्लायर अन्य 12.5 लाख रुपये का योगदान देगा और शेष ब्याज की आय होगी.

टोटल फंड

इन चार इंस्ट्रूमेंट्स से व्यक्ति 60 साल की आयु में रिटायरमेंट के समय MF से 7.6 करोड़ रुपये, NPS से 1.1 करोड़ रुपये, PPF से 1.4 करोड़ रुपये और EPF से 89 लाख रुपये यानी कुल 11 करोड़ रुपये प्राप्त कर सकता है. इसके अलावा उसे NPS से लगभग 26,000 रुपये की मासिक पेंशन मिल सकती है.

इन्वेस्टमेंट एडवाइजर नीलोत्पल बनर्जी के मुताबिक, 60 साल की उम्र में इस फंड को लेने के लिए व्यक्ति को EPF के साथ हर महीने लगभग 29,000 रुपये का निवेश करना होगा. इसका मतलब है कि व्यक्ति का वेतन कम से कम 60,000 रुपये प्रति माह होना चाहिए. वरना इस प्रकार का फंड प्राप्त करना मुश्किल है. ज्यादातर कॉर्पोरेट और सॉफ्टवेयर या बैंकिंग कंपनियां अक्सर यह वेतन 28-30 वर्ष की आयु के व्यक्ति को देती हैं. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति का रियल एस्टेट प्रॉपर्टी में कोई निवेश है तो यह यह सोने पे सुहागा वाली बात होगी.

उनके मुताबिक कुल मासिक इन्वेस्टमेंट 30,000 रुपये से थोड़ा कम है. यदि कोई व्यक्ति इस राशि से अधिक निवेश करता है तो उसे निश्चित रूप से अधिक रिटायरमेंट फंड प्राप्त होगा.

Published - August 31, 2021, 04:18 IST