कॉलेज की फीस हर साल तेजी से बढ़ रही है. खासकर हायर एजुकेशन कोर्स फीस में बेहताशा इजाफा हुआ है. कई छात्रों को अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए एजुकेशन लोन लेना पड़ता है. एजुकेशन लोन का मकसद होता है पहले पढ़ाई उसके बाद लोन चुकाया जाए. यह एक आस्थगित पेमेंट एग्रीमेंट जैसा है. भारत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने साल 1995 में एजुकेशन लोन देने की शुरुआत की थी. तब से लेकर आज तक कई बैंक एजुकेशन लोन दे रहे हैं. 2001 से प्राइवेट सेक्टर बैंकों ने एजुकेशन लोन देने की शुरुआत की थी. सभी बैंक छात्रों को रेगुलर डिग्री और पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए एजुकेशन और वोकेशनल दोनों तरह के लोन देते हैं.
आपने सड़कों पर या टीवी पर बड़े बड़े विज्ञापन देखे होंगे जिनमें प्राइवेट और सरकारी बैंक द्वारा एक करोड़ तक का एजुकेशन लोन देने का ऑफर होता है. आप या आपके जानने में कोई एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई कर रहा है तो उससे पहले जानिए कि ऐसा करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. जानिए एजुकेशन लोन से जुड़ी खास बातें.
सपने देखना अच्छी बात है लेकिन क्या आप वाकई सच्चाई से वाकिफ हैं. कोर्स का चुनाव करते वक्त बेहद सावधानी बरतें. एजुकेशन लोन लेने से पहले अपनी पढ़ाई और उससे मिलने वाली नौकरी के बारे में जरूर सोचें. अन्य देशों में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (एसटीईएम) की पढ़ाई करने वाले लोगों के लिए रोजगार के बढ़ते अवसरों के कारण, विदेशों में आवेदन करने वाले और एजुकेशन लोन लेने वाले छात्रों के लिए ये बढ़िया ऑप्शन है. इन क्षेत्रों में रिसर्च करना अच्छा होगा जिसके बारे में आप जानते हैं कि आप इसे पूरा करेंगे, तो नौकरी लग जाएगी. खासकर वो आपके पैशन, गोल और ऑब्जेक्टिव के अनुकूल हो.
एजुकेशन लोन लेने से पहले अपनी भविष्य की सैलरी को लेकर भी विचार करना चाहिए. हालांकि, यह हमेशा ऐसा नहीं हो सकता है क्योंकि मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए ये काफी चुनौतीपूर्ण है. लेकिन आपकी पढ़ाई, सिलेबस, डीप रिसर्च आपको भविष्य के लिए अपने वेतन की संभावनाओं को समझने में मदद कर सकता है. दूसरी तरफ, रि-पेमेंट क्षमताओं की परवाह किए बिना एजुकेशन लोन के लिए ज्यादा राशि लेने से बचें. अन्यथा, लोन के भुगतान की जिम्मेदारी आपके को-एप्लीकेंट और को-साइनर पर आ जाएगी.
आप किसी पाठ्यक्रम में सिर्फ इसलिए इनरोल हो रहे हैं क्योंकि आपके चुने हुए स्कूल का किसी फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन के साथ जुड़ाव है तो हमारी सलाह आपकी लिए ना है. कई बैंकों का ऐसे शैक्षणिक संस्थानों के साथ भी टाईअप होता है, जो पढ़ाई के मामले में औसत से भी निचले दर्जे के होते हैं. इसलिए फाइनेंशियल फायदों को छोड़कर स्कूल की अहमियत पर ध्यान दें. वो कोर्स चुनें जो आपकी दिलचस्पी और क्षमताओं के मुताबिक है.
कुछ स्टूडेंट अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेते हैं और फिर अपने पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए टॉप-अप लोन का ऑप्शन चुन लेते हैं. ऐसा करना आपके लिए बड़ी वित्तीय गलती साबित हो सकता है. लोन को अपने सपने पूरे करने के लिए लीजिए, कर्जदार बनने के लिए नहीं.