हमारे देश में अलग-अलग पब्लिक सेक्टर बैंकिंग संस्थानों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को लेकर आम लोगों में बेहद निराशा है. बैंकिंग रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है. शिकायत निवारण एक पैरामीटर है जिसका उपयोग आरबीआई फाइनेंशियल इन्क्लूशन को मापने के लिए करता है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI), 49 करोड़ ग्राहकों के साथ देश का सबसे बड़ा कमर्शियल बैंक है. ये नंबर अमेरिका, इंग्लैंड और जर्मनी की कुल आबादी से ज्यादा है. स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए अलग अलग कदम उठाए हैं ताकि ग्राहक अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें और उन्हें हल करने के लिए एक तंत्र तैयार कर सकें.
अगर आप एसबीआई के नाखुश ग्राहक हैं, तो आप एक औपचारिक शिकायत इसके खिलाफ दाखिल कर सकते हैं. इसकी प्रक्रिया बेहद आसान है. यह एक फोन कॉल या एसएमएस के जरिए रजिस्टर की जा सकती है. यदि इसके बावजूद शिकायत का समाधान नहीं होता है, या आप रजिस्ट्रेशन की तारीख से 30 दिनों के भीतर बैंक की प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप आरबीआई से संपर्क कर सकते हैं. आपके लिए सभी खिड़कियां खुली हैं. एसबीआई की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा.
सेवाओं के साथ किसी भी शिकायत के मामले में आप ब्रांच मैनेजर से संपर्क कर सकते हैं या टोल फ्री नंबर 1-800-425-3800 / 1-800-11-22-11 पर कॉल कर सकते हैं. आप 800820202020 पर “UNHAPPY” एसएमएस भी भेज सकते हैं.
STEP 2: अगर 10 दिनों के अंदर आपकी शिकायत का समाधान नहीं होता है या आप बैंक की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो आप नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं. आप ब्रांच ऑफिस या एसबीआई वेबसाइट में NNO डिटेल्स हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा आप एसबीआई के चेयरमैन को भी पत्र लिख सकते हैं.
STEP 3: अगर आप शिकायत दर्ज कराने की तारीख के 30 दिनों के अंदर बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, तो चिंता नहीं कीजिए. इसके लिए एक तंत्र तैयार किया गया है, जहां आप बैंक ओमबुड्समैन से संपर्क साध सकते हैं. आप अपनी शिकायत BO पर ऑनलाइन दाखिल कर सकते हैं.
भारक 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी बन सकता है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर व्यक्ति का वित्तीय समावेशन बेहद जरूरी है. लेकिन जमीनी हकीकत काफी अलग तस्वीर पेश करती है. आज भी देश में कई इलाके ऐसे हैं, जहां लोगों के पास बैंकिंग सर्विस की पहुंच नहीं है. PSU बैंकों में खासकर शिकायत निवारण एक दूर की कौड़ी है. अगर इन शिकायतों और लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है तो 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल करना एक सपना ही रह जाएगा.