घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इन एडिशनल खर्चों के लिए हो जाइए तैयार

प्रॉपर्टी पर प्रति वर्ग फुट बेस कॉस्ट के अलावा, कई एडिशनल कॉस्ट होती हैं, जो आपको प्रॉपर्टी का पजेशन लेने से पहले चुकानी पड़ती हैं.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 21, 2021, 12:49 IST
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एक बार जब आपको घर का पजेशन मिल जाता है तो आपको अन्य चीजों के अलावा दरवाजे, फिटिंग और फर्नीचर जैसे इंटीरियर पर खर्च करने की जरूरत पड़ती है. PC: Pixabay

एक बार जब आपको घर का पजेशन मिल जाता है तो आपको अन्य चीजों के अलावा दरवाजे, फिटिंग और फर्नीचर जैसे इंटीरियर पर खर्च करने की जरूरत पड़ती है. PC: Pixabay

घर खरीदना एक आर्थिक और भावनात्मक फैसला है. साथ ही यह एक बहुत बड़ा निवेश है जिसके लिए आपको अपने जीवन भर की बचत को लगाने की जरूरत पड़ सकती है. हालांकि, खरीदारी के समय जल्दबाजी में लिया गया निर्णय आपको महंगा पड़ सकता है, यदि आप पूरी प्रक्रिया के बारे में नहीं जानते हैं. प्रॉपर्टी पर प्रति वर्ग फुट बेस कॉस्ट के अलावा, कई एडिशनल कॉस्ट होती हैं, जो आपको प्रॉपर्टी का पजेशन लेने से पहले चुकानी पड़ती हैं. इसलिए, यदि आप एक प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो प्रॉपर्टी का पजेशन देने से पहले आपका बिल्डर आपसे इन एडिशनल कॉस्ट के बारे में पूछेगा:

रजिस्ट्रेशन कॉस्ट: एक बार जब आपको प्रॉपर्टी का पजेशन मिल जाता है, तो आपको प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन पर होने वाले खर्च का भुगतान करना होगा. यह आपके नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्टर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा वसूला जाने वाला खर्च है. रजिस्ट्रेशन कॉस्ट अलग-अलग राज्यों में भिन्न होती है, एक रफ एस्टीमेट के मुताबिक यह प्रॉपर्टी की कॉस्ट का 2-6% तक कुछ भी हो सकती है.

GST: पहले VAT, सर्विस टैक्स आदि जैसे टैक्स का भुगतान खरीदारों द्वारा घर खरीदते समय किया जाता था. हालांकि, अब, रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी पर 5% और अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट के लिए 1% पर एक समान GST रेट का भुगतान किया जाता है. पूरी बन चुकी और सेल के लिए रेडी प्रॉपर्टी जिसे कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी किया गया है उस पर GST लागू नहीं होता है.

पजेशन चार्ज: डेवलपर द्वारा चाबियां सौंपने से पहले खरीदार को पजेशन चार्ज भी देना होगा. एक बार प्रॉपर्टी के पजेशन के लिए डिमांड लेटर मिल जाने के बाद, खरीदार को बचा हुए अमाउंट का भुगतान डेवलपर को करना होगा.

होम लोन प्रोसेसिंग फीस: घर खरीदने के लिए आपको घर की कीमत का लगभग 20% डाउन पेमेंट के रूप में चुकाना होगा, जबकि बाकी के लिए होम लोन लिया जा सकता है. लोन अप्रूव होने के लिए आपको होम लोन प्रोवाइडर के पास आवेदन जमा करना होगा जो प्रोसेसिंग फीस के रूप में लगभग 5000 रुपये से 10,000 रुपये का शुल्क लेगा. यदि आपका आवेदन खारिज हो जाता है या आप किसी दूसरे बैंक को लोन लेने के लिए चुनते हैं तो ये पैसा रिफंड नहीं होगा.

इंटीरियर कॉस्ट: एक बार जब आपको घर का पजेशन मिल जाता है तो आपको अन्य चीजों के अलावा दरवाजे, फिटिंग और फर्नीचर जैसे इंटीरियर पर खर्च करने की जरूरत पड़ती है.

इसलिए, घर खरीदते समय आपने शुरू में जितना बजट बनाया था, उससे कहीं अधिक पैसा खर्च करना पड़ सकता है. इसलिए घर लेते समय इन सब खर्चों के लिए भी तैयार रहें.

Published - September 21, 2021, 12:47 IST