घर खरीदने जा रहे हैं तो पहले जान लें होम लोन के इन 3 रीपेमेंट ऑप्शंस के बारे में

होम लोन का टेन्योर 25 साल तक हो सकता है. लोन लेने वालों को कई EMI पेमेंट ऑप्शन ऑफर किए जाते हैं, यही कारण है कि लोन रीपेमेंट ऑप्शन को जानना जरूरी है.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 16, 2021, 03:19 IST
what is the difference between secured and unsecured loans

लोगों को घर खरीदने के लिए लोन लेने की जरूरत होती है. होम लोन का टेन्योर 25 साल तक हो सकता है.

लोगों को घर खरीदने के लिए लोन लेने की जरूरत होती है. होम लोन का टेन्योर 25 साल तक हो सकता है.

हर किसी का सपना अपना खुद का घर खरीदने का होता है. लेकिन घर खरीदना कोई नियमित खरीदारी नहीं है जिसे आसानी से पूरा किया जा सके. ज्यादातर लोगों को घर खरीदने का सपना पूरा करने के लिए लोन लेने की जरूरत होती है. होम लोन का टेन्योर 25 साल तक हो सकता है. ये अच्छी बात है कि, होम लोन तेजी से सस्ते हो रहे हैं और अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं.  मौजूदा दरों ने कई कर्जदारों को आकर्षित किया है. होम लोन लेने वालों को लैंडर्स द्वारा कई EMI पेमेंट ऑप्शन ऑफर किए जाते हैं. इसलिए, कोई भी अंतिम फैसला करने से पहले घर खरीदार को हर लोन रीपेमेंट ऑप्शन को जानना जरूरी है.

होम लोन EMI ऑप्शन

लोन लेने वाले व्यक्ति को, जिससे लोन लिया गया है उसे हर महीने EMI देनी होती है. EMI हर महीने इंटरेस्ट और प्रिंसिपल दोनों पर लागू होती है. ये हैं कुछ पॉपुलर होम लोन रीपेमेंट ऑप्शन.

रेगुलर EMI पेमेंट

रेगुलर EMI ऑप्शन वाला होम लोन सबसे कॉमन है. इसमें लोन समाप्त होने तक हर महीने लैंडर को एक निश्चित राशि का भुगतान करने की आवश्यकता होती है. सभी बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां अपने ग्राहकों को होम लोन पर यह ऑप्शन ऑफर करती हैं. अब आपको लीडिंग बैंकों से लगभग 6.50% इंटरेस्ट रेट पर लोन मिल सकता है. कोटक महिंद्रा बैंक अभी सबसे सस्ता होम लोन दे रहा है. दूसरी ओर, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) में LIC हाउसिंग फाइनेंस 6.66% सालाना की ब्याज दर के साथ सबसे सस्ता होम लोन ऑफर कर रहा है.

देरी से EMI पेमेंट

इस होम लोन में बोरोअर के पास मोरेटोरियम पीरियड चुनने का विकल्प होता है. यह पीरियड 36 से 60 महीनों के बीच निर्भर करता है. मोरेटोरियम के दौरान कर्जदार को किसी EMI का भुगतान करने की जरूरत नहीं है. उसे केवल प्री-EMI इंटरेस्ट का भुगतान करना होगा. लेकिन मोरेटोरियम पीरियड के बाद, EMI शुरू होती है और बाद के सालों के दौरान बढ़ाई जाएगी. इस तरह के लोन ज्यादा इंटरेस्ट रेट पर आते हैं.

EMI पेमेंट बढ़ाना और घटाना

ऐसे होम लोन भी उपलब्ध हैं जहां कोई लोन के शुरुआती सालों में कम EMI का भुगतान कर सकता है और बाद के सालों में यह बढ़ जाएगी. दूसरी ओर, कुछ लोन को इस तरह से स्ट्रक्चर किया जाता है कि शुरुआती सालों के दौरान EMI ज्यादा हो और बाद के सालों में घट जाती है.

Published - September 16, 2021, 03:19 IST