लॉकर में हुई चोरी तो बैंक को देना होगा हर्जाना, जानें क्या है RBI की नई गाइडलाइन

RBI Revises Bank Lockers Rules | RBI के मुताबिक धोखाधड़ी, चोरी, डकैती आदि कारणों से बैंक लॉकर को नुकसान होता है, तो इसकी जिम्मेदारी बैंक की होगी.

banks will be held responsible for theft in locker

pixabay, RBI ने कहा है कि अगर भूकंप, बाढ़, बिजली गिरने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण बैंक के लॉकर को नुकसान होता है उससे होने वाले नुकसान के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.

pixabay, RBI ने कहा है कि अगर भूकंप, बाढ़, बिजली गिरने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण बैंक के लॉकर को नुकसान होता है उससे होने वाले नुकसान के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.

छोटे- छोटे कस्‍बों और शहरों में लगातार बढ़ रही चोरी की वारदात को देखते हुए अब कई लोग अपनी नकदी, गहने और अन्य कीमती सामान बैंक के लॉकर में रखने लगे हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है बैंक में लूट हो जाए या फिर सेंधमारी हो जाए तो इसकी भरपाई कौन करेगा. लोगों की इसी समस्या के लिए RBI ने बुधवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

क्या बोला RBI ने

RBI ने कहा कि अगर भूकंप, बाढ़, बिजली गिरना और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण बैंक के लॉकर को नुकसान होता है तो उससे होने वाले नुकसान के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. हालांकि बैंक को अपनी शाखा में स्थित इन लॉकर को बचाने की पूरी व्यवस्था करना होगी.

वहीं बैंक कर्मचारी की किसी गलती या धोखाधड़ी, चोरी या फिर डकैती होने, बैंक की बिल्डिंग गिरने व आग लग जाने आदि के कारण लॉकर को नुकसान होता है, तो बैंक अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता. इन कारणों में से किसी भी वजह से ग्राहकों को जो नुकसान होता है, बैंकों को उसकी भरपाई करनी ही होगी.

बैंक को करना होगी सौ गुना भरपाई

RBI के अनुसार अगर तय कारणों से ग्राहकों को नुकसान होता है तो बैंक को उस लॉकर के सालाना किराये का अधिकतम सौ गुना की भरपाई करना होगी. यानी किसी लॉकर का सालाना किराया 1000 रुपये है, तो प्राकृतिक आपदा को छोड़कर अन्य वजहों से लॉकर नष्ट होने की स्थिति में बैंक को अधिकतम एक लाख रुपये तक का भुगतान उस ग्राहक को करना होगा.

RBI के मुताबिक बैंकों को लॉकर करार में एक प्रावधान शामिल करना होगा, जिसमें तहत लॉकर किराये पर लेने वाला व्यक्ति उसमें कोई भी गैरकानूनी या खतरनाक सामान नहीं रख सकेगा. बाद में बैंक को इसमें किसी तरह का संदेह होता है तो उसे जो भी उचित लगे वह कार्रवाई करने का अधिकार होगा. लॉकर आवंटन के बारे में बैंकों को ज्यादा पारदर्शिता बरतने को कहा गया है.
RBI ने कहा कि बैंकों को ब्रांच के हिसाब से खाली लॉकरों की लिस्ट बनानी होगी. साथ ही उन्हें लॉकरों के आवंटन के उद्देश्य से उनकी वेटिंग लिस्ट की जानकारी कोर बैंकिंग प्रणाली (सीबीएस) या साइबर सुरक्षा ढांचे के अनुपालन वाली किसी अन्य कंप्यूटरीकृत प्रणाली में डालनी होगी.

अगले साल जनवरी से लागू होंगे नए दिशा-निर्देश

वहीं बैंकों को लॉकर आवंटन की सभी एप्लीकेशन के लिए पावती या रिसीप्ट देनी होगी. लॉकर खाली नहीं होने की स्थिति में बैंकों को ग्राहकों को वेटिंग लिस्ट का भी का नंबर देना होगा लॉकरों के बारे में संशोधित दिशा निर्देश अगले साल जनवरी से लागू होंगे.

Published - August 19, 2021, 02:06 IST