ICICI Bank Alert: आईसीआईसीआई बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को सिम स्वैप फ्रॉड (Sim Swap Fraud) को लेकर अलर्ट किया है. अगर अलर्ट पर ध्यान नहीं दिया तो बैंक अकाउंट डिटेल्स हैकर्स के हाथ लग सकती हैं. ICICI बैंक ने कहा है कि कभी भी अपने कॉन्टैक्ट डिटेल्स को सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा न करें. सिम स्वैप के जरिए चंद मिनटों में खाता खाली किया जा सकता है. पिछले कुछ समय से हैकर्स अकाउंट को हैक नहीं कर रहे हैं. बल्कि लोगों का अकाउंट हैक करने के वह एक नई तकनीक का सहारा ले रहे हैं. बैंक के मुताबिक, SIM स्वैप फ्रॉड से लोगों के अकाउंट खाली किए जा रहे हैं. ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों को इससे बचने के टिप्स भी जारी किए हैं.
ICICI के ग्राहक मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं. अपने मोबाइल फोन में वित्तीय लेनदेन के लिए आवश्यक खाता-संबंधी अलर्ट, वन टाइम पासवर्ड (OTP), यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर (URN), 3D सिक्योर कोड हासिल कर सकते हैं. इसके जरिए फाइनेंशियल पूछताछ भी करते हैं. बैंक ने कहा अगर आपका नंबर अचानक काम करना बंद कर दे तो तुरंत अपने ऑपरेटर से इसकी पूछताछ करें. सिम के पीछे लिखा हुआ 20 अंकों वाला सिम नंबर किसी के भी साथ शेयर न करें. ध्यान रखें कंपनी कभी सिम नंबर नहीं पूछेगी. इस मोबाइल नंबर से आपके बैंक खाते लिंक हैं, उसे कभी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डिस्प्ले न करें.
क्या है SIM स्वैप? सिम कार्ड में यूजर का डाटा स्टोर्ड होता है. सिम यूजर की ऑथेंटिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यही वजह है कि आप बिना सिम के किसी दूसरे नेटवर्क से नहीं जुड़ते. सिम स्वैप फ्रॉड में सिम का इस्तेमाल होता है. सीधे तौर पर कहा जाए तो, आपके पास जो भी सिम (मोबाइल नंबर) है, वह अचानक बंद हो जाता है. असल में होता यह है कि आपके नाम से जो भी सिम है, उस सिम को हैकर स्वैप कर लेते हैं. फिर स्वैप किए गए सिम को क्लोन करके उसका नकली सिम (डुप्लीकेट) बना लिया जाता है. अब वही नंबर के सिम को हैकर अपने नाम से शुरू कर लेता है. फिर हैकर आपके सभी बैंकों के OTP को जेनरेट करके उसका गलत फायदा उठता है. OTP की मदद से अकाउंट से चंद मिनटों में पैसे निकाले जाते हैं
कैसे होती है धोखाधड़ी? सिम स्वैप फ्रॉड का सबसे आसान तरीका है. यह एक कॉल के जरिए शुरु होता है. आपके नंबर पर एक कॉल आएगी, जिसमें टेलीकॉम कंपनी का एग्जीक्यूटिव बनकर हैकर आपको कॉल करेगा. इस कॉल पर आपको नेटवर्क बेहतर बनाने के लिए फोन नंबर ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा जाएगा. कॉलर आपसे नेटवर्क सुधारने के लिए आपसे सिम के पीछे प्रिंट 20 डिजिट वाला नंबर पूछ सकता है. हैंकर्स को जैसे ही आप 20 डिजिट वाला नंबर बताएंगे तो आपसे 1 दबाने को कहेगा. यह सिम स्वैप करने की सहमति के लिए होता है. टेलीकॉम कंपनी आपकी इस रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेगी. इस तरह आपका सिम कार्ड ब्लॉक हो जाएगा और दूसरा यानी स्वैप किया गया सिम एक्टिवेट हो जाएगा.
OTP जेनरेट के लिए इस्तेमाल सिम स्वैप करने वाले हैकर के पास आपके बैंक अकाउंट की डिटेल्स होती हैं या फिर आपका डेबिट कार्ड का नंबर होता है. बस जरूरत होती है तो ओटीपी की, सिम स्वैपिंग की मदद से उसे ओटीपी भी मिल जाएगा.
ICICI बैंक ने दिए टिप्स अगर आपके फोन में लंबे समय से नेटवर्क नहीं आ रहा है और आपको कोई कॉल रिसीव नहीं हो रहा है तो तुरंत अपने मोबाइल ऑपरेटर से संपर्क करें. अपने मोबाइल नंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर न करें. अगर आपको SIM स्वैप का अंदेशा होता है तो तुरंत अपने मोबाइल ऑपरेटर से कॉन्टैक्ट करें. अगर आपको बार-बार अननोन कॉल्स आ रही हैं तो अपने फोन को स्विच ऑफ न करें. ऐसा हो सकता है कि धोखाधड़ी करने वाले चाहते हों कि आप फोन स्विच ऑफ करें और वे अपना काम कर लें. अपने सभी ट्रांजेक्शन के बारे में व अन्य अपडेट्स पाने के लिए SMS और e-mail दोनों ही अलर्ट को ऑन करवाएं. समय-समय पर अपने बैंक स्टेटमेंट्स और ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजेक्शन हिस्ट्री को लगातार चेक करते रहें.
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