एक बार रिवाइवल शुरू होने और रिजर्व बैंक की तरफ से मॉनेटरी पॉलिसी में बदलाव करने के बाद होम लोन इतने सस्ते नहीं रह जाएंगे
मिडल-क्लास के लिए घर खरीदना आज भी सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है. महामारी के कारण वित्तीय संकट बढ़ा है, मगर घर खरीदने की इच्छा रखने वालों के लिए सुनहरा मौका बना है. कर्जदाताओं ने ब्याज दर में कटौती की है. कोरोना के कारण घरों से काम और पढ़ाई करने का चलन बढ़ने से बेहतर और बड़े घरों की मांग बढ़ी है, जिसे समझते हुए बैंकों ने यह कदम उठाया है.
देश के सबसे बड़े कर्जदाता HDFC ने हाल में होम लोन के ब्याज दर में कटौती की है. इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), कोटक महिंद्रा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ऐसा कर चुके हैं. कोरोना के कारण कॉरपोरेट लोन का जोखिम बढ़ सकता है. ऐसे में बैंकों का रिटेल लोन सेगमेंट में बढ़ोतरी करने पर जोर है. इंटरेस्ट रेट घटाकर वे इसी मौके को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं.
लोगों के वेतन में वृद्धि होने से उनके लिए घर जैसी संपत्ति में निवेश करना और मुमकिन हो पाएगा. लेंडर्स को उम्मीद है कि रेट कट से घर खरीदने की इच्छा रखने वालों को आकर्षित किया जा सकेगा.
आने वाले फेस्टिव सीजन में भी डिवेलपर बढ़िया ऑफर लेकर आ सकते हैं. ऐसे में होम बायर्स के लिए अपना सपना पूरा करने का यह सुनहरा मौका है. हालांकि, कोई भी फैसला लेने से पहले अच्छे से सारी जानकारियां जुटा लें और अपने बजट के हिसाब से आगे बढ़ें.
घरों की खरीदारी बढ़ने से रियल एस्टेट के साथ उससे जुड़े अन्य सेक्टरों की भी चांदी होगी. स्टील, सीमेंट, पेंट और इलेक्ट्रिकल्स जैसे क्षेत्रों पर इसका सकारात्मक प्रभाव होगा. होम डेकोर सेक्टर को भी फायदा मिलेगा. इकॉनमिस्ट्स भी रियल एस्टेट की मदद से इन सेक्टरों में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं. एक बार रिवाइवल शुरू होने और रिजर्व बैंक की तरफ से मॉनेटरी पॉलिसी में बदलाव करने के बाद होम लोन इतने सस्ते नहीं रह जाएंगे.