Gold Scheme: गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोना जमा करने वाले अब लॉक इन पीरियड पूरा होने से पहले से ही उसे निकाल सकेंगे. आरबीआई ने इस आशय का नया एलान किया है. जिसके अनुसार अब मूल जमाकर्ता की मृत्यु होने पर लॉक इन अवधि से पहले ही उसके परिजन जरूरत पड़ने पर विड्रॉ करवा सकेंगे. इससे पहले तक प्रीमैच्योर विड्रॉल की अनुमति थी लेकिन कम से कम तीन या पांच साल के बाद. हालांकि अगर डिपॉजिटर का निधन हो जाता है तो परिवार के लोग कुछ ब्याज छोड़कर जमा राशि निकाल सकते हैं.
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यम अवधि की स्वर्ण जमा योजना का लॉक इन पीरियड तीन साल है. यदि इस योजना के तहत राशि छह माह में ही निकाली जाती है तो कोई ब्याज नहीं मिलेगा. छह माह से लेकर एक साल तक निकासी करने पर ओरिजनल इंटरेस्ट रेट में 1.25 प्रतिशत घटा कर दी जाएगी. बता दें वर्तमान में इंटरेस्ट रेट 2.25 प्रतिशत है.
अगर एक से दो साल के बीच विड्रा करवाया जाता है तो एक प्रतिशत तक इंटरेस्ट घटेगा. दो से तीन साल की अवधि में ब्याज दर शून्य से 0.75 प्रतिशत तक कम होगी.
इसी तरह अगर पांच साल के लॉक इन पीरियड वाली स्कीम में प्रीमैच्योर विड्रॉल करवाया जाता है तो शुरुआती एक साल में निकाली करने पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. पांच साल के लॉक इन पीरियड वाली स्कीम की वर्तमान ब्याज दर 2.50 प्रतिशत है.
एक साल से दो साल के बीच विड्रॉल करवाने पर एक फीसदी तक के ब्याज दर का घाटा होगा. दो साल से तीन साल में शून्य से 0.75 फीसदी और तीन साल से पांच साल की जमा राशि की निकाली पर ब्याज दर 0.25 फीसदी तक कम होगी.
Medium Term Government Deposit (MTGD) और long term government deposit (LTGD) क्रमशः 5-7 साल और 12-15 साल के लिए चलते हैं.
इसलिए, लॉक-इन अवधि के बाद भी, यदि जमा राशि वापस ले ली जाती है, तो वे समय से पहले निकासी ही मानी जाएगी. ऐसे में जमाकर्ता की मृत्यु के बाद जल्दी विड्रॉल लेने पर परिजनों को नियम के अनुसार दंड का भुगतान भी करना होगा.