Gold Loan: अप्रैल 2020 के बाद से कोविड-19 की वजह से मची तबाही ने कई लोगों से उनकी जॉब छिनी, तो कई को सैलरी में कटौती का सामना करना पड़ा. नौकरीपेशा हो या बिजनेस मैन इस महामारी की मार सब लोगों पर और सभी वर्ग पर पड़ी. जिसकी वजह से कई परिवारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. इसके कारण कई लोगों ने अपने गोल्ड को गिरवी रखकर लोन लेने के लिए लैंडर्स से संपर्क किया. कम इनकम वाले परिवारों और छोटे व्यवसायों के लिए इमरजेंसी फंड जुटाने के लिए गोल्ड लोन एक क्विक सॉल्यूशन है.
महामारी के दौरान लैंडर्स ने गोल्ड के लोन में काफी वृद्धि होते देखी, इस ट्रेंड ने उधार लेने वालों द्वारा रीपेमेंट में बढ़ते डिफॉल्ट को जन्म दिया है. रिपोर्टों के अनुसार, बढ़ते डिफॉल्ट ने कुछ लैंडर्स को अपना बकाया वसूलने के लिए गिरवी रखे गोल्ड की नीलामी करने के लिए भी मजबूर किया.
Bankbazaar.com के CEO अधिल शेट्टी ने कहा, “पिछला साल ज्यादातर लोगों के लिए मुश्किल भरा रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अपने बिजनेस ऑपरेशंस को फाइनेंस करने के लिए या महामारी के कारण अतिरिक्त खर्चों को मैनेज करने के लिए गोल्ड लोन लिया था.
महामारी की दूसरी लहर ने उन्हें रिकवर नहीं होने दिया. साथ में, इसने लोगों के लिए लोन वापस करना और मुश्किल बना दिया.”
अगस्त 2020 में RBI ने महामारी के मद्देनजर गोल्ड लोन पर बैंकों के लिए LTV को पहले के 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया.
एंड्रोमेडा और अपना पैसा के CEO वी स्वामीनाथन ने कहा, “हाइयर LTV के साथ, लेंडर्स गोल्ड लोन पर एग्रेसिव हो गए. जब 2020 में गोल्ड की कीमतें अपने पीक से गिरने लगीं तो चीजें गड़बड़ाने लगीं.
यह लेंडर्स के लिए अनुकूल स्थिति नहीं थी और उन्होंने उधार लेने वालों से या तो ज्यादा गोल्ड गिरवी रखने या मार्जिन डिफरेंस अमाउंट का भुगतान करने के लिए कहा.
लेकिन यह देखते हुए कि कारोबार अभी तक ट्रैक पर नहीं आया है, सैलरी मिलना शुरू नहीं हुआ है, कई कर्जदारों ने डिफॉल्ट करना शुरू कर दिया है”
लेंडर आमतौर पर गोल्ड की कीमत का 75 प्रतिशत तक उधार देते हैं. गोल्ड की कीमतों में गिरावट आने पर LTV की ऊपरी सीमा भंग होने लगती है.
स्वामीनाथन ने कहा, “आदर्श रूप से जब गोल्ड की कीमतें गिरना शुरू होती हैं तो उधार लेने वालों को या तो अधिक सोना गिरवी रखना पड़ता है या LTV रेशियो को उचित स्तर पर रखने के लिए लैंडर्स को मार्जिनल डिफरेंस अमाउंट का भुगतान करना पड़ता है.”
गोल्ड की कीमतों में गिरावट के माहौल में, लेंडर्स LTV को नीचे लाने के लिए वन-टाइम पार्शियल प्री-पेमेंट करने के लिए कह सकते है. इससे स्थिति में सुधार करने में मदद मिलती है और आप समय के साथ बचे हुए लोन का भुगतान कर सकते हैं.
जब आप गोल्ड लोन में डिफॉल्ट करते हैं, तो इसकी सूचना क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो को दी जाती है. आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है और आपको भविष्य में उधार लेना मुश्किल हो सकता है.
शेट्टी ने कहा, “किसी भी अन्य लोन की तरह, यदि आप गोल्ड लोन के रीपेमेंट में डिफॉल्ट करते हैं तो उसके कुछ परिणाम सामने आते हैं. इसका आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और स्कोर पर भी नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ेगा”
डिफॉल्ट होने पर लेंडर आपको EMI भुगतान के लिए रिमाइंडर भेज सकते हैं. जब आप रीपेमेंट कमिटमेंट को पूरा करने में असमर्थ हों, तो शर्तों पर फिर से काम करने के लिए अपने लेंडर से बात करें.
शेट्टी ने कहा, “आप लेंडर के साथ निगोशिएट कर सकते हैं और दूसरे विकल्पों का पता लगा सकते हैं, जिसमें आपका टेन्योर बढ़ाना या रीपेमेंट पैटर्न बदलना शामिल हो.
कुछ लेंडर्स आपको कम इंटरेस्ट पर अपने लोन को रीफाइनेंस करने की परमिशन दे सकते हैं जब आप अपना पूरा इंटरेस्ट क्लियर कर देते हैं यदि यह एक पुराना लोन है. यदि इनमें से कोई भी ऑप्शन काम नहीं करता है, तो आप लेंडर के साथ मिलकर गोल्ड की नीलामी करके लोन को बंद कर सकते हैं”
जब आप गोल्ड लोन लेने के बारे में सोचते हैं, तो इसकी कीमत गिरने की संभावना को हमेशा ध्यान में रखें और अपनी फ्यूचर रीपेमेंट कैपेबिलिटी को भी जांचे.
स्वामीनाथन सलाह देते हैं कि “गोल्ड लोन क्रेडिट प्राप्त करने का एक सुविधाजनक और तेज विकल्प है, लेकिन उन्हें तभी चुनें जब आप टेम्पररी कैश-फ्लो की समस्या का सामना कर रहे हों.
कार खरीदने या अपग्रेड करने, हॉलिडे एक्सपेंस आदि जैसे डिस्क्रीशनरी एक्सपेंस के लिए गोल्ड के बदले लोन लेने से बचें. इसके अलावा, टेन्योर को जितना हो सके छोटा रखने की कोशिश करें.”