केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2021-22 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सुधार एजेंडा ‘ईज 4.0’ के चौथे संस्करण का अनावरण किया है. इसमें सक्षम-तकनीक, सरल और सहयोगी बैंकिंग की व्यवस्था है. वित्त मंत्री ने 2020-21 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सुधार एजेंडा ईज 3.0 की वार्षिक रिपोर्ट का भी अनावरण किया और ईज 3.0 बैंकिंग रिफॉर्म्स इंडेक्स पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बैंकों को सम्मानित किया.
ईज (EASE) एजेंडा का पूरा नाम एन्हांस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस है. दो साल पहले 13 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को कम करके 5 बैंकों में सम्मिलित किया गया था. यह कार्य बैंकों की कार्य कुशलता और क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया था, जिससे घाटे में जा रहे सार्वजनिक बैंक मुनाफा कमा सकें. उस समय से इसे ईज एजेंडा कहा गया था. इसके बाद निश्चित अंतराल पर एजेंडा के लक्ष्य बदलते रहे हैं.
ईज सुधारों के अगले संस्करण, यानी ईज 4.0 का उद्देश्य ग्राहक-केंद्रित डिजिटल परिवर्तन के एजेंडे को आगे बढ़ाना है. इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के काम करने के तरीकों में डिजिटल और डाटा को गहराई से जोड़ना है. एजेंडा 4.0 में पूर्वोत्तर में बैंकिंग सेवाएं सरल और विस्तृत करने पर जोर दिया जाएगा.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अच्छा मुनाफा कमाया है. इन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों में तेजी दिखाई है. इसके कारण इन बैंकों को पिछले एक साल में करोड़ों रुपये का मुनाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2020 में जहां 26,016 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, 2021 में सार्वजनिक बैंकों ने 31,817 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया.
पांच साल के नुकसान के बाद यह पहला साल है जब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मुनाफा कमाया है. मार्च 2021 तक कुल सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (टोटल नॉन-परफोमिंग ऐसेट्स) 6.16 लाख करोड़ रुपये की थी, जो मार्च 2020 में वर्तमान से 62,000 करोड़ रुपये अधिक थी. नॉन-परफोमिंग ऐसेटस् में गिरावट होने से मुनाफा हुआ है.
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> अच्छी तकनीक के साथ चौबीसों घंटे बैंकिंग सेवाएं
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कोविड महामारी के बावजूद अपने ग्राहकों को निर्बाध सेवा और ऋण वितरण जारी रखने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्त मंत्री ने सराहना की. उन्होंने कहा कि वे देश के दूर-दराज के हिस्सों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार में भी सबसे आगे रहे हैं.
आपको बता दें, स्टाफिंग के विभिन्न तरीकों को अपना कर तथा आपस में दूरी बनाए रख कर 80,000 से अधिक बैंक शाखाएं कोविड -19 के दौरान चालू रहीं. इसके अतिरिक्त, माइक्रो एटीएम के माध्यम से आधार सक्षम भुगतान प्रणाली से लेनदेन लगभग दो गुना हुआ और 75,000 से अधिक बैंक मित्रों द्वारा लोगों को उनके द्वार पर बैंकिंग की सेवाएं दी गईं.