Family Pension: केंद्र सरकार ने बैंकिंग बिरादरी द्वारा उठाए गए एक अहम मुद्दे पर अपनी सहमति दे दी है, जिससे देश के 11 लाख बैंक कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. उनकी फैमिली पेंशन उनके आखिरी वेतन से 30% तक बढ़ा दी गई है. इस निर्णय का खास तौर पर कोविड से मरने वाले 1,000 से ज्यादा बैंक कर्मचारियों के परिवारों के लिए फायदेमंद साबित होगा. इस बढ़ोत्तरी का तत्काल लाभ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी पारिवारिक पेंशन में 4,000 रुपये से 32,000 रुपये के बीच की बढ़ोत्तरी की गई है.ये कर्मचारी की कैटेगरी और आखिरी महीने के वेतन पर निर्भर करेगा.
आईबीए(IBA) के मुताबिक, आम तौर पर बैंक कर्मचारियों को तीन अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाता है, उप कर्मचारी(sub staff), अधिकारी(officer) और महाप्रबंधक(general manager).
आईबीए(IBA) के एक सदस्य ने कहा कि उप कर्मचारियों की वर्तमान फैमिली पेंशन लगभग 6,781 रुपये प्रति माह है, एक अधिकारी और महाप्रबंधक के लिए ये रकम 16,973 रुपये हर महिने है, जो आज के समय में खर्च के लिए बहुत ही कम मानी जाएगी.
सरकार द्वारा आईबीए(IBA) के अनुरोध को मंजूरी मिलने के बाद, नई फैमिली पेंशन सब स्टाफ के लिए 10,791 रुपये, एक अधिकारी के लिए 24,474 रुपये और महाप्रबंधक-रैंक के अधिकारी के लिए 49,455 रुपये होगी.
तीन अलग-अलग श्रेणियों के लिए ये बढ़ोत्तरी, लगभग 59 फीसदी, 44 फीसदी और 191% मानी जा सकती है.
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव, देबाशीष पांडा ने कहा, “पहले इस योजना में वेतन का 15%, 20% और 30% का स्लैब था और ये दूसरे भत्तों के बिना ज्यादा से ज्यादा 9,284 रुपये के अंदर ही होता था. ये एक बहुत ही मामूली रकम थी.
वित्त मंत्री इस पर चिंतित थे और चाहते थे कि इसे संशोधित किया जाए ताकि बैंक कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को अच्छे से जीने के लिए एक सही रकम मिल सके”.
सरकार ने एनपीएस(NPS) के तहत कर्मचारी पेंशन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के योगदान को पहले के 10% से बढ़ाकर 14% कर दिया है.
आईबीए ने कहा कि कंपनी के योगदान में बढ़ोत्तरी से एनपीएस के तहत बैंक कर्मचारियों को अब ज्यादा आर्थिक सहायता मिलेगी.
देबाशीष पांडा ने बताया, “सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के वेतन संशोधन पर 11 वें त्रिपक्षीय समझौते(tripartite settlement ) के चलते, जिस पर 11 नवंबर, 2020 को आईबीए ने यूनियनों के साथ हस्ताक्षर किए थे.
एनपीएस के तहत पारिवारिक पेंशन और कंपनी के योगदान को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया था. ये आखिर वित्त मंत्री द्वारा अप्रूव किया गया है और लागू किया गया”.
राजन नागर, अध्यक्ष, अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने मनी 9 को बताया,“2019 से ये हमारी मांग थी. नवंबर 2020 में आईबीए की त्रिपक्षीय बैठक(tripartite meeting ) में भी आईबीए, यूनियन और बैंक प्रबंधन ने इस पर हस्ताक्षर किए थे. आखिर सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है पर फायदा पाने में 3-4 महीने और लगेंगे”.
नागर ने कहा, ‘हमने पिछली सरकारों के सामने और मांगें रखी थीं. लेकिन ये सरकार हमारी सुनने को तैयार ही नहीं है. वो लोग पीएसबी(PSB) को बेचने की योजना बना रहे हैं और हमारी लड़ाई आखिरी सांस तक चलेगी ”.
बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया(Bank Employees Federation of India) के उपाध्यक्ष प्रदीप बिस्वास ने कहा, ‘सरकार का फैसला स्वागत योग्य है लेकिन ये काफी नहीं है.अभी करने के लिए और भी बहुत कुछ है. सरकार को बैंकों को चलाने की कोशिश करनी चाहिए”.