Education Loan: महंगाई के बीच अब एजुकेशन भी कई लोगों की जेब पर भारी पड रही है. ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता करने की बजाए एजुकेशन लोन एक समाधान उपलब्ध कराता है. इसकी मदद से छात्र देश के साथ विदेशों में भी पढाई के लिए ऐसे कॉलेजों में आवेदन कर सकते हैं, जो उनके बजट में आते हों. वहीं कॉलेज खत्म होने के बाद, छात्र अपने लोन को चुका सकते हैं. हालांकि एजुकेशन लोन लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. अगर आप भी एजुकेशन लोन लेने की सोच रहे हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें –
1) एजुकेशन लोन में ट्यूशन फीस, आवास शुल्क, यात्रा व्यय आदि शामिल होते हैं. ऐसे में लोन लेने से पहले आपको अपने ऋणदाता के साथ इसका पता लगाना होगा कि वह आपको क्या ये सब उपलब्ध करा रहा है या नहीं.
2) एजुकेशन लोन लेने के लिए आपको भारतीय नागरिक होना जरूरी है. वहीं आपका किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज में प्रवेश लिया होना चाहिए. अगर व्यक्ति कमाई नहीं कर रहा है तो माता-पिता सह आवेदक बन सकते हैं.
3) एजुकेशन लोन स्कीम छात्रों को 10-15 साल तक की लंबी अवधि के लिए लोन लेने की सुविधा देती है.
4) आपके द्वारा चुने गए बैंक के आधार पर एजुकेशन लोन 6.75% से 14% की सीमा में उपलब्ध है.
5) आयकर अधिनियम की धारा 80ई के तहत लोन पर आयकर लाभ की अनुमति है. आपके एजुकेशन लोन पर भुगतान की गई ब्याज राशि आपकी कुल आय में से कटौती के लिए पात्र है.
6) लोन चुकाने की अध्ययन अवधि के साथ-साथ 6 महीने की मोहलत या नौकरी मिलने के एक साल बाद, जो भी पहले हो, उसके बाद शुरू होती है.
7) अगर किसी कारण से कोई छात्र समयसीमा में नौकरी नहीं ढूंढ पाता है तो कार्यकाल के विस्तार के लिए आवेदन कर सकता है.