Digital Transaction: अमेरिका-चीन से आगे निकला भारत

Digital Transaction: केन्द्रीय वित्त (राज्य ) मंत्री भगवत किशनराव कराड़ ने बताया कि 72% वित्तीय लेनदेन बैंकों में डिजिटल माध्यम से होता है.

Big blow to PhonePe users, UPI payment will have to be expensive

PhonePe ने यह भी कहा है कि जो यूजर्स एप के जरिए क्रेडिट कार्ड्स से पेमेंट करते हैं उन्हें भी एक प्रोसेसिंग फी देनी होगी

PhonePe ने यह भी कहा है कि जो यूजर्स एप के जरिए क्रेडिट कार्ड्स से पेमेंट करते हैं उन्हें भी एक प्रोसेसिंग फी देनी होगी
Digital Transaction: मंगलवार को संसद में एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय वित्त (राज्य ) मंत्री भगवत किशनराव कराड़ ने बताया कि देश के सरकारी बैंक डिजिटल पेमेंट में अग्रिणी भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लगभग 72% वित्तीय लेनदेन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में डिजिटल माध्यम से होता है. उन्होंने आगे सदन में बताया डिजिटल माध्यम से होने वाला लेनदेन 2019-2020 के मुकाबले 2020-21 में लगभग दोगुना हो गया है. पिछले साल 3.4 करोड़ लेनदेन हुए थे, जो इस साल बढ़कर 6.7 करोड़ हो गए हैं. हालांकि, मंत्री ने कहा कि बैंकिंग के लिए लाइसेंस भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दिए जाते हैं और आरबीआई ने सूचित किया है कि वह वर्तमान में डिजिटल बैंकों के लिए एक अलग कोई अन्य लाइसेंसिंग श्रेणी पर विचार नहीं कर रहा है.

इस दिशा में सरकार द्वारा किए गए प्रयास

मंत्री ने बताया सरकार ने डिजिटल बैंकिंग की सुविधा के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं-

(1) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने EASE रिफॉर्म्स एजेंडा के तहत कई कदम उठाए हैं-

i)पेशकश की गई सेवाओं की संख्या बढ़ाकर 43, ग्राहक-अनुकूल सुविधाएं बढ़ाकर 135 और ग्राहक इंटरफेस पर उपलब्ध क्षेत्रीय भाषाओं की संख्या बढ़ाकर 8 कर दी गई हैं. जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तक मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग की मदद लोगों की पहुंच आसान हो.

ii) असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण (पांच पीएसबी में), सूक्ष्म उद्यमों को ऋण (“शिशु मुद्रा”, पांच पीएसबी में) और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को ऋण के नवीनीकरण के लिए बड़े पीएसबी में शुरू से अंत तक स्वचालित डिजिटल उधार की प्रक्रिया की शुरुआत की गई है.

iii) ग्राहक-आवश्यकता-संचालित, विश्लेषण-आधारित क्रेडिट ऑफर को प्रोत्साहन दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप रु. FY2020-21 में सात बड़े PSB द्वारा 49,777 करोड़ ताजा खुदरा ऋण वितरण हुआ.

(2) पेंशनभोगियों के लिए सरकार की जीवन प्रमाण पहल ने पेंशनभोगियों को अपने वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन अपडेट करने की सुविधा प्रदान की है.

(3) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को ऋण के लिए सैद्धांतिक रूप से ऑनलाइन अनुमोदन प्रदान करने के लिए, क्रेडिट ब्यूरो, आयकर और माल और सेवा कर (जीएसटी) डेटा का उपयोग करते हुए, PSBloansin59minutes.com के माध्यम से डिजिटल ऋण की शुरुआत को संपर्क रहित बनाया गया है. ये सभी होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटोमोबाइल लोन के तहत वितरित किए गए.

कोरोनाकाल में हुई डिजिटल लेनदेन में वृद्धि

भारत में लगातार डिजिटल पेमेंट के ट्रेंड में तेजी आ रही है. देश में साल 2016 में जब नोटबंदी हुई तो बड़े पैमाने पर लोगों ने डिजिटल पेमेंट का विकल्‍प चुना.

साल 2020 से इसमें कोविड-19 महामारी की वजह से और तेजी आई है. अनुमान लगाया गया है कि भारत में साल 2025 तक डिजिटल पेमेंट्स की आदत में 71.7 फीसदी तक का इजाफा हो जाएगा. वहीं, कैश और चेक से पेमेंट बस 28.3 फीसदी ही रह जाएगा.

डिजिटल लेनदेन हुआ तेज

इसी क्रम में 4 नवंबर 2016 को भारत में 17,74,187 करोड़ रुपये के नोट प्रचलन में थे, जो 29 जनवरी 2021 को बढ़कर 27,80,045 करोड़ के नोट प्रचलन में हो गए. देखने पर ये हमें भले ही बढ़े हुए लग रहे हैं.

लेकिन इनके बढ़ने की रफ्तार में भारी कमी आई है. इसका कारण सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे हैं डिजिटल पेमेंट के प्रयास.

इसी का नतीजा है कि डिजिटल भुगतान की कुल मात्रा वित्त वर्ष 2017-18 में 1459.02 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 4371.18 करोड़ हो गई है.

इस हिसाब से डिजिटल भुगतान 10 गुना अधिक बढ़ गया है। इतनी तेज गति से बढ़ना काफी आश्चर्यजनक है.

हर माह करोड़ों का ट्रांजेक्‍शन

ए‍क रिपोर्ट के मुताबिक गूगल पे, पेटीएम, फोन-पे और भीम एप जैसे दूसरे यूपीआई प्‍लेटफॉर्म पर हर माह करीब 1.22 बिलियन यानी करीब 122 करोड़ तक का लेनदेन होने लगा है.

वहीं अगर साल 2016 यानी 5 साल पहले की स्थिति की तुलना करें तो अब इसमें 550% की बढ़ोतरी हुई है. 2016-17 में 1,004 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन होते थे.

ये आंकड़ा 2020-2021 में 5,554 करोड़ पर पहुंच गया है. 2021 के अप्रैल-मई महीने में डिजिटल ट्रांजैक्शन 2020 की तुलना में 100% से ज्यादा बढ़े हैं.

अमेरिका और चीन से आगे निकला भारत

मार्च 2020 में 2.06 लाख करोड़ रुपये का UPI ट्रांजैक्‍शन हुआ, जो मार्च 2021 में 5.04 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया आने वाले 5 सालों में टेक्‍नोलॉजी और बदलने वाली है. डिजिटल ट्रांजेक्‍शन के मामले में भारत ने चीन और अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है.

भारत में साल 2020 में 25.5 बिलियन डिजिटल ट्रांजेक्‍शन हुए तो वहीं चीन में 15.6 बिलियन, साउथ कोरिया में 6 बिलियन, थाइलैंड में 5.2 बिलियन और यूनाइटेड किंगडम में 2.8 बिलियन डिजिटल ट्रांजेक्‍शन हुए.

वहीं अमेरिका का नंबर सबसे आखिरी में आया और यहां पर 1.2 बिलियन डिजिटल ट्रांजेक्‍शन हुए.

Published - August 11, 2021, 07:46 IST