बैंक के डूबने पर नहीं डूबेगी आपकी गाढ़ी कमाई, अभी जानें इस जरूरी नियम को

DICGC: डिपॉजिट इंश्योरेंस एक तरह की स्कीम है, जिसके तहत किसी बैंक के फेल होने के बाद ग्राहकों का अधिकतम 5 लाख रुपये सुरक्षित रहती है

bank deposit, cash, savings, bad loan, npa, sbi, hdfc

कोई भी व्यक्ति एलआईसी न्यू जीवन आनंद पॉलिसी खरीद सकता है. इस पॉलिसी के तहत न्यूनतम मूल बीमा राशि एक लाख रुपये है. सम एश्योर्ड की कोई अधिकतम सीमा नहीं है

कोई भी व्यक्ति एलआईसी न्यू जीवन आनंद पॉलिसी खरीद सकता है. इस पॉलिसी के तहत न्यूनतम मूल बीमा राशि एक लाख रुपये है. सम एश्योर्ड की कोई अधिकतम सीमा नहीं है

DICGC: आपने अक्‍सर सुना होगा कि किसी बैंक की हालत खराब होने से उसके डूबने का खतरा बना हुआ है. ऐसे में मन में सवाल उठता है कि अगर ऐसा होता है, तो खाताधारक की बैंक में रखी गाढ़ी कमाई का क्‍या होगा?

क्‍या वह भी बैंक के डूबते ही खत्‍म हो जाएगी? ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि बैंक में रखा आपका पैसा कितना सुरक्षित है.

आज हम आपको डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट (DICGC) के बार में बताने जा रहे हैं.

जानें इस एक्‍ट के बारे में

बैंक ऑफ बड़ौदा आगरा के वरिष्‍ठ शाखा प्रबंधक मनीष शर्मा के मुताबिक, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट (DICGC) 1961 की धारा 16 (1) के बारे में जानना जरूरी है.

इसके तहत अगर कोई बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है, तो डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट प्रत्येक जमाकर्ता को भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है.

उसकी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा होगा. डिपॉजिट इंश्योरेंस एक तरह की स्कीम है, जिसके तहत किसी बैंक के फेल होने के बाद ग्राहकों का अधिकतम 5 लाख रुपये सुरक्षित रहती है.

बजट में बीमित रकम की लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया था. डीआईसीजीसी के दायरे में बैंक का सभी डिपॉजिट आता है.

इसमें फिक्सड डिपॉजिट अकाउंट, करंट अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट आदि शामिल होता है. अगर खाताधारक चाहे तो बैंक से इसकी जानकारी भी ले सकता है.

क्‍योंकि किसी भी बैंक को रजिस्टर करते समय में डीआईसीजीसी उन्हें प्रिंटेड पर्चा देता है, जिसमें डिपॉजिटर्स को मिलने वाली इंश्योरेंस के बारे में जानकारी होती है.

अलग अलग बैंक में रखें जमा

आपका एक ही बैंक की कई ब्रांच में खाता है तो सभी खातों में जमा अमाउंट और ब्‍याज जोड़ा जाएगा और केवल 5 लाख तक जमा को ही सुरक्षित माना जाएगा.

इसमें मूलधन और ब्‍याज दोनों को शामिल किया जाता है. उदाहरण के तौर पर अगर एक ही बैंक की अलग अलग शाखाओं में 10 लाख रुपए जमा हैं, तो सिर्फ 5 लाख रुपये की रकम ही सुरक्षित मानी जाएगी.

इसलिए सलाहकार सलाह देते हैं कि कोशिश यही करनी चाहिए अलग अलग बैंकों में रकम रखी जाए.

Published - May 29, 2021, 08:40 IST