1 नवंबर से राजधानी दिल्ली में वाहन लोन (Vehicle Loan) लिए हुए किसी भी आवेदक को व्हीकल हाइपोथिकेशन (गिरवी अधिकार) ऐड करने, जारी रखने या इसकी समाप्ति के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. न ही कोई दस्तावेज फिजिकली जमा करने की जरूरत होगी. लोन ऐड या पेड ऑफ होने के बाद डेटा, सीधे बैंक द्वारा VAHAN डेटाबेस में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. यह परिवहन विभाग को एचपीटी सेवा को सत्यापित और अनुमोदित करने में सक्षम बनाएगा.
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने सोमवार को इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर में वाहन ऋण प्रदाता बैंकों को 31 अक्टूबर तक अपनी सेवाओं को VAHAN पोर्टल के साथ इंटीग्रेट करने का निर्देश दिया गया है. बैंकों की ओर से हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन के लिए एनओसी VAHAN प्लेटफॉर्म पर केवल डिजिटल प्रारूप में प्राप्त किया जाएगा.
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि 1 नवंबर 2021 से वे बैंक या वित्तीय संस्थान जो वाहन पोर्टल के साथ डेटा को एकीकृत करने में विफल रहते हैं, उन्हें परिवहन विभाग के डेटाबेस में हाइपोथेकेशन के अपने डेटा को दर्ज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा, सर्कुलर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश देता है कि वे वाहन मालिक से एनओसी जारी करने के किसी भी अनुरोध की प्रतीक्षा न करें बल्कि ऋणी द्वारा ऋण चुकाने के तुरंत बाद खुद ही परिवहन विभाग के साथ सभी वाहनों का डेटा साझा करें.
ऐसा करने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य
इस निर्देश की पुष्टि दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भी की है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा है कि 1 नवंबर से किसी भी आवेदक को हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन के लिए आरटीओ या बैंक नहीं जाना होगा. ऐसा ‘फेसलेस सर्विसेज’ के जरिए हो जाएगा. अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में ऐसी सुविधा उपलब्ध कराने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य होगा.
गहलोत की ओर से यह भी कहा गया है कि हमने सभी बैंकों को VAHAN के साथ अपने डेटा को इंटीग्रेट करने के लिए एक सख्त समय सीमा तय की थी और मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है और यह लगभग पूरी हो गई है. यह एक बड़ा कदम है जो हम पूरी तरह से फेसलेस होने की दिशा में उठा रहे, और न केवल हमारे आरटीओ, बल्कि परिवहन विभाग द्वारा सेवाओं के वितरण में शामिल किसी भी स्थान पर लंबी कतारें अब देखने को नहीं मिलेंगी.