गोल्ड लोन (Loan) और छोटे कारोबार के लिए कर्ज लेने की चाहत रखने वालों के लिए लोन (Loan) लेना अब और आसान होने वाला है. जल्द ही उन्हें इसके लिए एक और अच्छा विकल्प मिलने वाला है. बीते वर्ष लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) का विलय करने वाला डीबीएस बैंक अब गोल्ड लोन और छोटे कारोबारी लोन के कारोबार का विस्तार करने की तैयारी में है.
बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी फर्म सिनोप्सिस के सीईओ सुरोजीत शोम के अनुसार डीबीएस बैंक की योजना सोने के बदले कर्ज देने और छोटे व्यवसायों के लिए लोन का विस्तार करने की है, जिसे फिलहाल एलवीबी की शाखाओं के जरिये उपलब्ध कराया जा रहा है. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि डीबीएस लक्ष्मी विलास बैंक 20 लाख ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने के बाद अपने छोटे चालू खातो (करंट अकाउंट) और बचत खातो (सेविंग अकाउंट) पोर्टफोलियो का विस्तार करना चाहता है.
सिंगापुर के सबसे बड़े ऋणदाता बैंक डीबीएस की पूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय इकाई डीबीएस बैंक इंडिया ने नवंबर 2020 में लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण किया था. इसके बाद अब वह एलवीबी के 2 मिलियन ग्राहकों के जरिये अपनी बैंकिंग सेवाओं के दायरे को बढ़ाना चाहता है. उसका इरादा विलय के बाद अपने बढ़े हुए ग्राहक आधार के जरिये अब खासतौर पर छोटे पर्सनल लोन और और कम राशि के कारोबारी कर्ज के कारोबार को तेजी से आगे बढ़ाने का है.
सीईओ सुरोजीत शोम ने कहा कि बैंक की योजना अपने रिटेल एसेट्स का विस्तार करने की है, जिसमें सोने के बदले कर्ज यानी गोल्ड लोन और छोटे ऋण प्रमुख हैं. डीबीएस को उम्मीद है कि एलवीबी के विलय की सारी औपचारिकताएं और प्रक्रियाएं अगले साल सितंबर तक पूरी हो जाएंगी. इसके बाद वह अपने कारोबारी विस्तार की इन योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा सकेगा.
पूंजी के संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस में विलय से एलवीबी के जमाकर्ताओं, ग्राहकों और कर्मचारियों के सिर से अनिश्चितता के बादल हट गए हैं. इस विलय के 27 नवंबर 2020 से प्रभावी होने के साथ ही लक्ष्मी विलास बैंक पर लगाई रोक भी हट गई है. इससे एलवीबी की सभी शाखाओं, डिजिटल प्लेटफॉर्मों और एटीएम का परिचालन भी सामान्य हो चुका है.