क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर लिया गया लोन पर्सनल लोन की तरह होता है, किंतु इसमें ब्याज दर ज्यादा होती है. और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पर पहले से तय क्रेडिट लिमिट के कारण इस जारीकर्ता के क्रेडिट रिस्क में बढ़ोतरी होती है. कंपनियां इसे ज्यादा ब्याज लेकर कवर करने की कोशिश करती हैं. ऐसे में आपको इन दरों को कम करने के लिए और इस कर्ज से मुक्ति पाने के लिए क्या करना चाहिए?
कर्ज लेने से पहले ही इसकी शुरुआत हो जानी चाहिए. आपके पास प्लान होना चाहिए कि किस तरह आप इसे समय पर रिपे कर देंगे. BankBazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है, “यदि आप पर कई कर्ज हैं तो सबसे पहले आपको इसका लेखाजोखा तैयार कर लेना चाहिए. आपको ध्यान देना चाहिए कि किस पर कितना ब्याज लग रहा है. फिर सबसे महंगे कर्ज को देखना चाहिए. ये क्रेडिट कार्ड का लोन हो सकता है. इसे पहले चुकता करना चाहिए.”
ऐसा करने के लिए एफडी जैसे कम रिटर्न देने वाले निवेश का उपयोग करना चाहिए. लंबी अवधि वाले और अधिक रिटर्न देने वाले निवेश को नहीं तोड़ना चाहिए. शेट्टी कहते हैं कि यदि आपके पास यह विकल्प नहीं है तो अपने कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग करने के बारे में विचार करना चाहिए. आप चाहें तो डेट कंसॉलिडेशन लोन ले सकते हैं किंतु ऐसा करने से पहले आपको इसकी पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए. फिर आप फैसला नहीं कर पा रहे हैं तो किसी पेशवर से सलाह ले सकते हैं.
इसमें आप कई कर्ज को एक लोन के रूप में बदल सकते हैं. इसमें आप कम दरों पर और ईएमआई के साथ लोन ले सकते हैं. हालांकि, शेट्टी बताते कि डेट कंसॉलिडेशन के अपने खतरे भी होते हैं. संभव है कि नया लोन और अधिक महंगा हो और बैंक आपसे कुछ सिक्योरिटी रखने को कहे. साथ ही इसमें शर्त होती है कि इस कर्ज का इस्तेमाल केवल लोन चुकाने के लिए किया जाएगा. यह आपको और कोई लोन लेने पर भी रोक सकता है.
शेट्टी के मुताबिक, “बातचीत तो हो सकती है लेकिन इसमें लोन की राशि कम नहीं होती. संभव है कि आपको कुछ छूट मिल जाए या फिर लोन चुकाने के लिए और समय हासिल हो जाए.
क्रेडिट डेट कम करने के दौरान, आपको समय-समय पर अपना क्रेडिट स्कोर देखना चाहिए. यह जानने का प्रयास करें किन वजहों से आपकी रेटिंग कम हो रहा है. यदि आप कर्ज अदा करने से चूकते हैं या फिर और अधिक कर्ज लेते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है.