स्पेंडिंग के मामले में सबसे बड़ा नुकसान सिटीबैंक को हुआ है, जिसने कई वर्षों तक कार्ड स्पेंडिंग के मामले में रैंकिंग का नेतृत्व किया. 2020 में क्रेडिट कार्ड स्पेंडिंग में सिटीबैंक की हिस्सेदारी 7.8% थी. अब यह केवल 4.9% रह गई है.
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आपके लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है, खासकर तब जब आप इसको लेकर अनुभवहीन हों या कार्ड के इंटरेस्ट रेट, पेनल्टी फी और चार्जिंग ट्रेंड्स से गैरवाकिफ हों. एक बार अगर आप ब्याज और पेनल्टी के जाल में फंस गए तो, आपका निकलना बेहद कठिन है. बैंक आमतौर पर ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड पेमेंट के लिए 60 दिनों का ग्रेस पीरियड देता है. इस ग्रेस पीरियड के बाद क्रेडिट कार्ड पेनल्टी ब्याज दर लगनी शुरू हो जाती है. पेनल्टी फीस के अलावा, आपको बकाया राशि पर ब्याज और किसी भी खरीदारी पर ब्याज का भुगतान करना होगा. आइए जानते हैं कि कैसे आप क्रेडिट कार्ड ब्याज दर की पेनल्टी से खुद को बचा सकते हैं.
क्रेडिट कार्ड का पेमेंट देरी से नहीं करें. अगर आपके पास एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड हैं तो आप उनके स्टेटमेंट्स और बिल साइकिलिंग कैलेंडर को चेक करें. अगर आप ऑनलाइन भुगतान करते हैं तो, ऑटोमेटेड पेमेंट का ऑप्शन चुनें. इससे आपकी भुगतान की तारीख नहीं मिस होगी.
फिंटू के फाउंडर मनीष पी. हिंगर ने बताया कि “मिनिमम भुगतान करने से आपके ऊपर लगने वाली पेनल्टी नहीं लगेगी, लेकिन बची हुई राशि पर ब्याज जरूर लगेगी. इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि को रोल करने से 35% – 48% के बीच ब्याज दर हो सकती है, और आप कर्ज के जाल में डूबने लगते हैं. इसलिए आपको तय तारीख से पहले इसका भुगतान करना चाहिए.”
NIRA के को-फाउंडर और सीईओ रोहित सेन के मुताबिक “हर महीने अपना बैलेंस क्लियर करना महत्वपूर्ण है. आप भूल जाने वाले जोखिम को कम करने के लिए किसी अन्य खाते के साथ देय राशि ऑटोमेटेड पेमेंट का ऑप्शन चुन सकते हैं.ध्यान दें कि केवल मिनिमम बैलेंस राशि का भुगतान करने से इंटरेस्ट शुल्क समाप्त नहीं होता है.”
अपनी क्रेडिट कार्ड लिमिट और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट पर लगातार नजर बनाए रखें, कहीं आप उसे क्रॉस तो नहीं कर रहे हैं. अगर आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट घटाई या बढ़ाई जाती है तो अपने बैंक को कॉल करें. अगर आप अपनी क्रेडिट लिमिट के तहत रहते हैं तो आप क्रेडिट कार्ड पेनल्टी रेट से बच जाएंगे.
CRIF हाई मार्क के नेशनल सेल्स हेड, सुभ्रांशु चट्टोपाध्याय के मुताबिक “अनुशासित रहें. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बेहद सावधानी पूर्वक करें. कोई भी ऐसा भुगतान न करें, जो आपके लिए आने वाले वक्त में मुसीबत बने. ज्यादा खर्च और खरीदारी के मामले में भुगतान को आसान किश्तों में निपटा दें. डिफॉल्ट की स्थिति में आपके क्रेडिट कार्ड स्कोर पर असर पड़ता है. किसी भी लोन आदि के लिए भविष्य में क्रेडिट कार्ड स्कोर बेहद मायने रखता है.”
संक्षेप में कहा जाए, कर्ज के जाल से बचना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इस प्रकार, क्रेडिट कार्ड के खर्चों को सीमित करना, क्रेडिट सीमा के भीतर रखना और क्रेडिट कार्ड की पेनल्टी दर से बचने के लिए क्रेडिट कार्ड की बैलेंस रकम के लिए अनुशासित भुगतान शेड्यूल बनाए रखना एक समझदारी भरा कदम है.
यदि कोई बड़ी खरीदारी के लिए भुगतान करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है, तो लोन को आसान मासिक किश्तों (ईएमआई) में बदलवा लें या बैलेंस अमाउंट को कम से कम शेष अमाउंट वाले अन्य क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर कर दें.
हिंगर के मुताबिक “यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड की पूरी राशि का भुगतान करने में असमर्थ हैं, तो पूरा पेमेंट से चूकने और भारी जुर्माना लगाने के बजाय, आप ईएमआई का विकल्प चुन सकते हैं जो आपसे फिर से लगभग 2% -4% की ब्याज दर वसूल करेगा, लेकिन यह निश्चित रूप से दंड से कम होगा.”