कॉइन स्विच कुबेर भारत में दूसरा क्रिप्टो यूनिकॉर्न बन गया है जिसने एक ही झटके में करोड़ों रुपये का कारोबार करते हुए यूनिकॉर्न स्टेट्स हासिल किया है. कॉइन स्विच कुबेर ने एक ही राउंड में करीब 1943 करोड़ रुपये जुटाए हैं. बुधवार को कॉइन स्विच कुबेर ने कहा कि उसने एक राउंड में लगभग 26 करोड़ रुपये (260 मिलियन अमरीकी डॉलर) जुटाए हैं, जिसकी वैल्यू तकरीबन 142 अरब रुपये (1.9 बिलियन अमरीकी डॉलर) है. इससे पहले प्रतिद्वंद्वी Coindcx ने यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया था. अगर व्यापार की भाषा में समझें तो यूनिकॉर्न एक निजी तौर पर स्टार्टअप कंपनी है जिसका मूल्य 74.99 अरब (एक बिलियन अमरीकी डॉलर) से अधिक है.
कॉइन स्विच कुबेर के व्यापार में यह उछाल तब हुआ है जब नियामकों के बीच क्रिप्टो मुद्राओं को लेकर गहरी चिंता जताई जा रही है. एक बयान में बताया कि उसने आंद्रेसेन होरोविट्ज़, कॉइनबेस वेंचर्स और मौजूदा निवेशक Paradigm, Ribbit Capital, Sequoia Capital India और Tiger Global से यह रकम जुटाई है.
बयान के अनुसार आंद्रेसन होरोविट्ज़ (a16z) एक उद्यम पूंजी फर्म है जो उद्यमियों को प्रौद्योगिकी के माध्यम से भविष्य का निर्माण करने के लिए जाना जाता है. जबकि कॉइनबेस एक क्रिप्टो अर्थव्यवस्था बनाने की शुरुआत है और यह दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक का संचालन करता है.
दरअसल RBI ने पहले भी कई बार बिटकॉइन जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चिंता जताते हुए इसके कारोबार को लेकर सरकार को भी जानकारी उपलब्ध कराई है. कॉइन स्विच ने कहा है कि वह क्रिप्टो को एक घरेलू नाम बनाने के लिए इस रकम का उपयोग करेगा और अपने प्लेटफॉर्म पर 50 करोड़ भारतीयों को जोड़ने का लक्ष्य बना रहा है. जबकि बाकी रकम का इस्तेमाल इंजीनियरिंग, उत्पाद, डेटा, क्रिप्टो उद्योग को परिभाषित करने, नए वर्गों को जोड़ने, संस्थागत ग्राहकों को जोड़ने इत्यादि पर भी खर्च करेगा.