image: unsplash, अपने ट्वीट में EPFO ने कहा कि यह प्रोसेस अभी पाइपलाइन में है. बहुत जल्दी यह सबके सामने होगी.अकाउंट में एक साथ ब्याज के पैसे को जमा किया जाएगा.
1 अक्टूबर 2021 से पैसों से जुड़े कई मामले बदलने वाले हैं. इन बदलावों का असर व्यक्ति की जेब पर पड़ेगा. इनमें से कुछ काम सितंबर तक पूरे करने होंगे, नहीं तो आपको दंडात्मक कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है. Money9 आपके लिए लेकर आया है वो सभी मनी मैटर्स जो अक्टूबर से आपको प्रभावित करने जा रहे हैं.
हाथ में कम सैलरी
केंद्र 1 अक्टूबर, 2021 से श्रम नियमों में कई बदलाव लागू करने की तैयारी में है. नए श्रम कानून के मुताबिक कर्मचारियों के काम के घंटे 9 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे होने जा रहे हैं.
नए श्रम कानून के लागू होने के बाद कर्मचारियों के हाथ में आने वाली सैलरी में भी बदलाव होगा.
श्रम कानून के ड्राफ्ट के मुताबिक कर्मचारियों की बेसिक सैलरी टोटल सैलरी की 50% या उससे अधिक होगी. संभावना है कि नए श्रम कानून के लागू होने के बाद टोटल सैलरी में अन्य भत्तों में भी बदलाव होगा.
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि बेसिक सैलरी में वृद्धि सीधे PF को प्रभावित करेगी क्योंकि यह बेसिक सैलरी पर बेस्ड है. बेसिक सैलरी में वृद्धि से PF में वृद्धि होगी, और इसकी वजह से जो सैलरी आप घर ले जाते थे उसमें कटौती होगी. तो तैयार हो जाइए, अक्टूबर से आपके हाथ में सैलरी कम होगी. इसलिए उसके अनुसार योजना बनाएं.
पैन-आधार लिंक करें
कई बार डेडलाइन बढ़ाने के बाद, सरकार ने पैन और आधार को लिंक करने की नई डेडलाइन 30 सितंबर निर्धारित की है. अगर पैन और आधार एक-दूसरे से लिंक नहीं हैं तो 1 अक्टूबर से आपका PAN इनऑपरेटिव (निष्क्रिय) हो जाएगा.
अगर आपका पैन इनऑपरेटिव हो जाता है तो आप फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएंगे, जहां भी पैन को मेंशन करना अनिवार्य है जैसे कि डीमैट अकाउंट खोलना,
सेविंग बैंक अकाउंट आदि. यहां तक कि मौजूदा अकाउंट जहां पैन मेंशन किया गया है, प्रभावित होंगे. साथ ही एक हजार रुपये तक का जुर्माना भी भरना होगा.
ऑटो डेबिट के लिए नया नियम
RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार ग्राहकों को अक्टूबर से ऑनलाइन ऑटो डेबिट ट्रांजेक्शन के लिए मंजूरी देने की जरूरत होगी. आपको 1 अक्टूबर, 2021 से लोन EMI,मोबाइल बिल पेमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट, SIP पेमेंट, OTT पेमेंट और यहां तक कि क्रेडिट कार्ड आदि के पेमेंट के लिए हर महीने एक मंजूरी देनी होगी. इसलिए आपको बैंक में अपना फोन नंबर अपडेट करना चाहिए.
यदि बैंक के पास गलत मोबाइल नंबर है, तो आपके ऑटो-डेबिट मान्य नहीं होंगे और आपके अकाउंट से डेबिट नहीं होंगे. ऑटो-डेबिट पेमेंट मिस होने पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है.
RBI के निर्देश के अनुसार, बैंकों को पेमेंट शेड्यूल होने से पांच दिन पहले ग्राहकों को नोटिफिकेशन भेजना आवश्यक है. ग्राहक द्वारा कन्फर्म किए जाने के बाद डेबिट की मंजूरी दी जाएगी. यदि अमाउंट 5,000 रुपये से ज्यादा है, तो ग्राहक को हर बार OTP के माध्यम से पेमेंट को ऑथेंटिकेट (प्रमाणित) करना होगा.
यह टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन 1 अप्रैल, 2021 से लागू होना था. हालांकि, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक आदि जैसे बड़े बैंक इसको शुरू करने की व्यवस्था नहीं कर सके. इसलिए, RBI ने समय सीमा को छह महीने बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दिया है.
डीमैट अकाउंट के लिए KYC
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) पहले ही घोषणा कर चुका है कि निवेशकों के डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में KYC डिटेल अपडेट करने की डेडलाइन 30सितंबर, 2021 तक बढ़ा दी गई है.
पहले डेडलाइन 31 जुलाई, 2021 थी.आदेश के अनुसार, एक व्यक्ति को ट्रेडिंग अकाउंट खोलते समय निम्नलिखित डिटेल जैसे पूरा नाम, पता, पैन, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और इनकम रेंज को अपडेट करना होगा या यदि उसके पास मौजूदा डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट है तो उसे अपडेट करना होगा.
यदि KYC डिटेल अपडेट नहीं की जाती हैं, तो व्यक्ति ट्रेड नहीं कर पाएगा और डीमैट अकाउंट डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा. अगर शेयर खरीदे भी जाते हैं तो ऐसे शेयरों का ट्रांसफर तब तक पूरा नहीं होगा जब तक डीमैट अकाउंट में KYC डिटेल अपडेट नहीं हो जाती.
FY22 के लिए एडवांस टैक्स
FY 2021-22 के लिए एडवांस टैक्स की दूसरी किस्त का भुगतान करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2021 है. एक व्यक्ति को तब एडवांस टैक्स पेमेंट करने कीआवश्यकता होती है जब उसकी टैक्स लायबिलिटी TDS को छोड़कर 10,000 रुपये से अधिक हो जाती है.
यदि एडवांस टैक्स का पेमेंट समय पर नहीं किया जाता है तो इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के किसी सेक्शन के तहत ड्यू टैक्स पर दंडात्मक ब्याज लागू होगा.
FY21 के लिए ITR
एक व्यक्ति FY 2020-21 के लिए 30 सितंबर, 2021 तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकता है. यदि डेडलाइन मिस हो जाती है तो उसे भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा. अगर एक साल में आपकी आमदनी 5 लाख रुपये से कम है तो आपको 1,000 रुपये देने होंगे, नहीं तो 5,000 रुपये पेनल्टी के तौर पर देने होंगे.
हालांकि, नए IT पोर्टल में बहुत सारी गड़बड़ियां हैं और सरकार को डेडलाइन बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. सरकार ने सभी गड़बड़ियों को दूर करने के लिए इंफोसिस को 15 सितंबर की डेडलाइन दी है. लेकिन डेडलाइन से पहले रिटर्न फाइल करना समझदारी होगी.