पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने हाल के सालों में बड़े पैमाने पर बदलाव देखा है. एक स्ट्रॉन्ग इंडस्ट्री ट्रेंड है जो कमजोर बैंकों को दिग्गजों के साथ विलय करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. यदि आप किसी ऐसे बैंक के मौजूदा ग्राहक हैं जो एक बड़े बैंक के साथ मर्ज होगा, तो आपको अपने डॉक्युमेंट्स बदलने होंगे क्योंकि वो जल्द ही इनवैलिड (अमान्य) हो जाएंगे. फिलहाल, इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI) के ग्राहकों को अपने बैंक
डॉक्युमेंट्स को फिर से देखना होगा क्योंकि 1 अक्टूबर, 2021 से इन बैंकों की चेकबुक बेकार हो जाएंगी.
इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय कर दिया गया है, जबकि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में मिला दिया गया है. इन बैंकों के ग्राहकों की मुख्य आवश्यकता अब एक नई चेकबुक के लिए होगी क्योंकि मौजूदा चेकबुक अब इस्तेमाल नहीं होगी. इस संदर्भ में, इंडियन बैंक ने इलाहाबाद बैंक से आने वाले ग्राहकों को नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या निकटतम बैंक शाखा में जाकर नई चेकबुक के लिए आवेदन करने की सलाह दी.
इसी तरह, PNB ने भी ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों को तुरंत एक नई चेक बुक प्राप्त करने की सलाह दी है. बैंक ने ट्वीट किया, “eOBC और eUNI की पुरानी चेक बुक 01-10-2021 से बंद होने जा रही है. कृपया eOBC और eUNI की अपनी पुरानी चेक बुक को PNB चेक बुक से अपडेटेड PNB IFSC और MICR के साथ बदलें. अपनी नई चेक बुक अपनी ब्रांच से प्राप्त करें या ATM/IBS/PNB के जरिए अप्लाई करें.”
PNB ने अपने ग्राहकों को किसी भी लेनदेन संबंधी असुविधा से बचने के लिए अपडेटेड IFSC और MICR के साथ नई PNB चेक बुक का इस्तेमाल करने को कहा. इसके अलावा, बैंक ने ग्राहकों को ब्रांच से ही जल्द से जल्द नई चेक बुक लेने के लिए कई SMS भी भेजे. नई चेक बुक या इससे संबंधित मुद्दों के संबंध में किसी भी सहायता या सवाल के लिए कोई भी PNB के टोल-फ्री नंबर 1800-180-2222 पर संपर्क कर सकता है.
जबकि इलाहाबाद बैंक का 1 अप्रैल, 2020 को इंडियन बैंक में विलय हो गया, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1 अप्रैल, 2019 को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में मिला दिया गया. 1 अक्टूबर से, इन तीनों बैंक के ग्राहकों को बैंक के किसी भी काम के लिए अब नई चेक बुक का इस्तेमाल करना होगा.
चार अन्य बैंकों को भी केंद्र की मेगा बैंक समामेलन योजना के तहत अन्य बैंकों में विलय कर दिया गया था. सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक के साथ जोड़ा गया, जबकि आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ विलय हुआ.