फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा है कि बैंकों को डिजिटाइजेशन को स्वीकार करना चाहिए ताकि गरीबों और हाशिये पर मौजूद तबके तक सरकारी स्कीमों तक फायदा पहुंच सके. साथ ही उन्होंने बैंकों को वित्तीय समावेश की दिशा में भी काम करने के लिए कहा है.
तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक के सेंटेनरी सेलीब्रेशन में बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 के दौरान भी बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट्स के जरिए डिजिटाइजेशन के इस्तेमाल से सरकार ने जरूरतमंदों की डिटेल्स को वेरिफाई करते हुए उन्हें वित्तीय राहत मुहैया कराई है.
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात से जागरूक हैं कि बैंकिंग बेहद जरूरी है और उन्हें इस बात में कोई संकोच नहीं था कि जनधन में खोले गए कुछ खाते जीरो बैलेंस वाले हो सकते हैं. लेकिन, उन्होंने ये सुनिश्चित किया कि हर किसी का बैंक खाता हो और लोग रुपे कार्ड के जरिए लेनदेन कर पाएं.”
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सरकार ने जरूरतमंदों के खातों में 1,500 रुपये डाले हैं. उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में डिजिटाइजेशन के जरिए बड़ा बदलाव हो रहा है.