बैंक या पोस्ट ऑफिस: निवेश के लिहाज से कौन सा ऑप्शन बेहतर?

Banks Vs Post Office: आप बैंकों में भी PPF अकाउंट खोल सकते हैं. लेकिन, कई लोग पोस्ट ऑफिस और बैंकों के बीच चुनाव करते समय परेशानी का सामना करते हैं

Bank Deposit:

पब्लिक सेक्टर्स के बैंकों, निजी बैंकों, विदेशी बैंकों की शाखाओं, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी वाणिज्यिक बैंक डीआईसीजीसी अधिनियम के अंतर्गत आते हैं.

पब्लिक सेक्टर्स के बैंकों, निजी बैंकों, विदेशी बैंकों की शाखाओं, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी वाणिज्यिक बैंक डीआईसीजीसी अधिनियम के अंतर्गत आते हैं.

पिछले कुछ महीनों में कई बैंक डिपॉजिट (Bank Fixed Deposit) पर ब्याज दरों में गिरावट देखी गई है जिसकी वजह से ग्राहक अपने रिटर्न को लेकर परेशान हैं. हालांकि, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स (Post Office Schemes) ऐसे समय पर एक अच्छे विकल्प के रूप में सामने आई हैं.  इन स्कीम्स को सरकार का सपोर्ट है . पोस्ट ऑफिस स्कीम्स में निवेशक लॉन्ग टर्म बेनिफिट देखकर निवेश कर सकते हैं. अपनी मेहनत की कमाई को कहीं निवेश करने से पहले व्यक्ति निवेश के माध्यम के बारे में आश्वस्त होना चाहता है. पोस्ट ऑफिस स्कीम्स में लंबे समय तक निवेश करने को लेकर निवेशक आश्वस्त रहता है उसे डर नहीं रहता. निजी बैंकों के मामले में ये बात लागू नहीं होती.

पोस्ट ऑफिस बनाम बैंक डिपॉजिट

अक्सर लोग अपने रिटायरमेंट के लिए काफी पहले से बचत करने लगते हैं और अपने बुढ़ापे के लिए कई तरह से पैसा जमा करते हैं. जिसमें से सबसे लोकप्रिय निवेश का तरीका है पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)  क्योंकि यह उच्च ब्याज दरों के साथ-साथ टैक्स बेनिफिट भी देता है. पीपीएफ पर दी जाने वाली मौजूदा सालाना ब्याज दर 7.1% है. यह इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत बड़े पैमाने पर टैक्स बेनिफिट प्रदान करती है. बहुत कम छोटे, प्राइवेट सेक्टर बैंक एक निश्चित अवधि के लिए इन दरों की पेशकश कर पाते हैं.

पोस्ट ऑफिस में, एक फाइनेंशियल ईयर में पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए न्यूनतम निवेश 500 रुपये है. यह विकल्प उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जो फ्यूचर सेविंग्स के लिए बड़ी राशि का निवेश नहीं कर सकते हैं. आप EEE टैक्स बेनिफिट का आनंद ले सकते हैं जिसके तहत मूल राशि(प्रिंसिपल अमाउंट), अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि (मेच्योरिटी अमाउंट) को टैक्स से छूट दी गई है. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस स्कीम का ऑप्शन चुनने पर तीसरे फाइनेंशियल ईयर से लोन सुविधा का आनंद भी उठाया जा सकता है.

यहां तक कि अन्य पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम्स जैसे सुकन्या समृद्धि योजना या सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम  बैंकों की तुलना में बेहतर ब्याज दर प्रदान करती हैं.

बैंकों के साथ खोलें PPF

अब आप बैंकों में भी PPF अकाउंट खोल सकते हैं. लेकिन, कई लोग पोस्ट ऑफिस और बैंकों के बीच चुनाव करते समय परेशानी का सामना करते हैं कि कौन सा विकल्प ज्यादा बेहतर है. तो, आप कैसे तय करते हैं कि आपके लिए कौन सा विकल्प सही होगा?

आम तौर पर, यह हर एक की पसंद, सुविधा और ज्योग्राफिकल लोकेशन आदि पर निर्भर करता है. कुछ लोगों का मानना है कि किसी बैंक में पीपीएफ खाता खोलना पोस्ट ऑफिस में खोलने से ज्यादा फायदेमंद है. यदि आप उसी बैंक में पीपीएफ खाता खोलते हैं जहां आपका पहले से सेविंग अकाउंट है, तो आपको कई दूसरे लाभ भी मिलते हैं. नेट बैंकिंग फैसिलिटी का लाभ उठाकर आप समय पर अकाउंट की डिटेल्स प्राप्त कर सकते हैं.

इस सुविधा के चलते कस्टमर्स अपने PPF अकाउंट को फोन पर ही मैनेज कर सकते हैं. वहीं, अगर पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाया है तो आपको ज्यादातर चीजों के लिए ब्रांच ऑफिस जाना पड़ सकता है. इसलिए, बैंक का ऑप्शन ज्यादा कस्टमर – फ्रेंडली है.

यह बताने के बाद अब आपको तय करना होगा कि आपकी प्राथमिकता क्या है. यदि आप ऑनलाइन बैंकिंग आदि जैसी बेहतरीन सेवा की तलाश में हैं, तो बैंक एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं, लेकिन अगर इंटरेस्ट रेट और सेफ्टी आपके लिए अधिक मायने रखती है  तो फिर पोस्ट ऑफिस स्कीम्स का विकल्प चुनें.

Published - July 7, 2021, 11:43 IST