Bank Strike: लगातार 4 दिन बैंकों में नहीं होगा काम, 50 लाख से ज्यादा कस्टमर्स पर होगा असर

Bank Strike- सरकार की बैंक बेचने की नीति के विरोध में बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की यूनियन ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल रखी है.

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बैंक कस्टमर्स ध्यान दें. अगर आपको बैंक से जुड़ा कोई काम निपटाना है तो शुक्रवार के दिन निपटा लें. क्योंकि, उसके बाद बैंकों में लगातार 4 दिन कामकाज ठप रहेगा. दरअसल, गुरुवार को महाशिवरात्रि के पर्व पर बैंकों में छुट्टी रहेगी. हालांकि, यह छुट्टी कुछ ही राज्यों में होगी. शुक्रवार को बैंक खुलेंगे. इसके बाद देश के सरकारी बैंकों (PSU Bank) और ग्रामीण बैंकों (Gramin Bank) में 4 दिन बंद सामान्य कामकाज नहीं होगा. ऐसा बैंक यूनियन की हड़ताल (Bank Strike) की वजह से हो रहा है. इससे देश में 50 लाख से ज्यादा कस्टमर्स प्रभावित हो सकते हैं.

4 दिन बैंकों में नहीं होगा सामान्य कामकाज
शुरुआत गुरुवार यानि 11 मार्च 2021 से करते हैं. इस दिन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों में महाशिवरात्रि पर गजेटेड होलीडे है. इसलिए इस दिन सरकारी कार्यालयों के अलावा बैंक में भी छुट्टी है. उसके बाद शुक्रवार को बैंक खुलेंगे. इसके बाद 13 मार्च को महीने का दूसरा शनिवार है. मतलब बैंक बंद रहेंगे. वहीं, 14 मार्च को रविवार का साप्ताहिक अवकाश है. इसके बाद 15 और 16 मार्च को बैंक यूनियन की हड़ताल (Bank Strike) है.

क्यों हो रही है हड़ताल?
पब्लिक सेक्टर बैंक (PSU Banks) और सरकारी कंपनियों पर केंद्र सरकार की नीति के विरोध में बैंककर्मी हड़ताल कर रहे हैं. सरकार की बैंक बेचने की नीति के विरोध में बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की यूनियन ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल पर जाने का नोटिस दिया है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) के नेतृत्व में कुल 10 यूनियन हड़ताल में शामिल हो रही हैं. इसमें कर्मचारियों और अधिकारियों के लगभग सभी संगठन शामिल हैं.

ग्रामीण बैंक भी हड़ताल पर रहेंगे
PSU बैंकों की हड़ताल में ग्रामीण बैंक (Regional Rural Bank) भी साथ दे रहे हैं. यूनाइटेड फोरम आफ रीजनल रूरल बैंक यूनियंस (United Forum of RRB) के प्रवक्ता शिवशंकर द्विवेदी के मुताबिक, 15 और 16 मार्च को सरकार के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ सभी बैंक और बीमा कंपनियों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल (Bank and Insurance Companies strike) पर जा रहे हैं. देशभर में होने वाली इस हड़ताल में ग्रामीण बैंकों के कर्मचारी भी शामिल होंगे. ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉई एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी CH Venkatachalam के मुताबिक, सरकार के पब्लिक सेक्टर बैंक को प्राइवेटाइज करने का फैसला पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है. यह वक्त पब्लिक सेक्टर बैंक को मजबूत बनाने का है. उनके निजीकरण का नहीं.

कुल 10 यूनियन लेंगी बैंक हड़ताल में हिस्सा
बता दें, सरकार ने बजट 2021 में दो सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का फैसला किया था. इसी के विरोध में AIBEA, AIBOC, NCBE, AIBOA, BEFI, INBEF, IBOC, NOBW, NOBO and AINBOF जैसे बैंक यूनियन की तरफ हड़ताल का आयोजन किया गया है.

कामकाज प्रभावित होगा
वहीं, बैंक यूनियन की हड़ताल (Bank Strike) की जानकारी SBI ने रेगुलेटरी फाइलिंग में भी दी है. SBI के मुताबिक, बैंक ने अपनी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं, संभावना है कि हड़ताल से बैंक में कामकाज प्रभावित हो सकता है.

अभी देश में 12 सरकारी बैंक
अभी देश में 12 सरकारी बैंक हैं. बजट की घोषणा के बाद इनकी संख्या घटकर 10 रह जाएगी. दो बैंकों का निजीकरण वित्त वर्ष 2021-22 में किया जाएगा. अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने विनिवेश और निजीकरण का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा है. खुद प्रधानमंत्री मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि विरासत को संभाले रखने के लिए जनता के पैसे का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है. सरकार आने वाले दिनों में सार्वजनिक क्षेत्र के कई और बैंकों का निजीकरण करेगी. मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम के मुताबिक, आने वाले दिनों में देश में केवल 4 सरकारी बैंक होंगे.

Published - March 10, 2021, 05:59 IST