Bank Privatisation: पब्लिक सेक्टर बैंक के प्राइवेटाइजेशन को लेकर चर्चा तेज हो गई हैं. अगले हफ्ते अहम बैठक होने जा रही है. इसमें दो सरकारी बैंकों के नाम पर मुहर लग सकती है. बजट 2021 के प्रस्तावों के मुताबिक, सरकार पहले चरण में दो बैंकों का निजीकरण करेगी. इसके लिए नीति आयोग ने अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं. अब अगले हफ्ते वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और नीति आयोग के अधिकारियों के बीच बड़ी बैठक होने वाली है. कयास लगाए जा रहे हैं कि बैठक के बाद दो बैंकों का नाम सामने आ जाएगा. फिलहाल, 4 बैंकों को शॉर्टलिस्ट किया गया है.
प्राइवेटाइजेशन की लिस्ट में तैयार!
बैठक 14 अप्रैल को होनी है. बैठक में निजीकरण (Privatisation) के संभावित बैंकों के नाम पर चर्चा होगी. सूत्रों के मुताबिक, नीति आयोग ने 4 बैंकों के नाम शॉर्टलिस्ट किए हैं. इनमें से दो का नाम रेस में सबसे आगे चल रहा है. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, निति आयोग ने जिन 4 बैंकों के नाम का सुझाव दिया है, इनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक के नाम शामिल हैं. शुक्रवार को इन खबरों के बीच बैंकों के शेयर में भी बंपर उछाल देखने को मिला था. NIFTY PSU Banks के शेयरों में करीब 3 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी.
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2 बैंकों का नाम रेस में सबसे आगे
प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया (Bank Privatisation) में जिन दो नामों पर सबसे ज्यादा चर्चा है, वो इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ इंडिया है. सूत्रों की मानें तो 14 अप्रैल को होने वाली बैठक में इन दो बैंकों के नाम पर मुहर लग सकती है. नीति आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), PNB, यूनियन बैंक, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक और BoB का निजीकरण नहीं होगा. इस समय देश में 12 सरकारी बैंक हैं.
बजट में हुआ था निजीकरण का ऐलान
बता दें कि सरकार में सरकार ने बजट में बैंकों के निजीकरण (Bank Privatisation) का ऐलान किया था. अगले कारोबारी साल में दो बैंकों के निजीकरण की तैयारी है. हालांकि, कौन से दो बैंकों को प्राइवेट किया जाएगा इसका फैसला अगली बैठक के बाद ही हो सकता है. इससे पहले सिर्फ कयासों के दम पर ही बैंकों के नाम सामने आए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव रखा था.