कन्फेडरेशन ऑफ ATM इंडस्ट्री (CATMi) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए जुर्माना लगाने के फैसले का विरोध किया है. RBI ने नया नियम बनाया है, जिसके तहत किसी ऑटोमेटेड टेलर मशीन (ATM) में एक महीने में दस घंटे से अधिक समय तक कैश नहीं रहने पर उसके बैंक पर पेनल्टी लगाई जाएगी.
हालांकि, वास्तविकता यह है कि 60-70% ATM आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा मैनेज किए जाते हैं. इस कारण ATM बॉडी ने बैंकिंग रेगुलेटर से पेनल्टी डिसीजन को रिव्यू करने का अनुरोध किया है.
ग्राउंड रियलिटी पर नहीं हुआ विचार
CATMi का कहना है कि RBI ने फैसला करने से पहले जमीनी हकीकत पर विचार नहीं किया है. अधिकारी इस बात से भी हैरान हैं कि निर्णय की घोषणा से पहले इंडस्ट्री के साथ कोई कंसल्टेशन नहीं किया गया.
बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करने वाले CATMi के एक अधिकारी ने कहा कि कैश अवेलेबिलिटी बड़ा मुद्दा है. दो हजार रुपये के नोट आसानी से अवेलेबल नहीं हैं. इसका मतलब है कि ATM में केवल छोटे नोट डाले जा रहे हैं. इससे मशीन में जल्द कैश खत्म होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, स्टोरेज और वॉल्टिंग फैसिलिटी हर जगह मौजूद नहीं है.
CIT को कैश अपने पास रखने की इजाजत नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि सर्विस प्रोवाइडर्स को पर्टिकुलर टाइम के बाद रूरल और सेमी-अर्बन एरिया में कैश मूवमेंट पर रिस्ट्रिक्शन का सामना करना पड़ता है. गृह मंत्रालय (MHA) सेमी-अर्बन एरिया में शाम छह बजे के बाद और रूरल एरिया में शाम चार बजे के बाद कैश मूवमेंट को प्रतिबंधित करता है. साथ ही ट्रांजिट कंपनियों (CITs) में कैश की संख्या कम है और वे डीप रूरल एरिया में सर्विस ऑफर नहीं करतीं.
ओवरनाइट वॉल्टिंग सुविधा भी मौजूद नहीं है, जिसका मतलब हुआ कि CIT के पास एक्सेस कैश बचा है. ऐसे में उन्हें बैंक में वापस जाना होगा और वॉल्ट में जमा करना होगा. CIT को कैश अपने पास रखने की इजाजत नहीं है.