अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क के आने से हो सकेगा फेक लोन ऐप्स का सफाया

Account Aggregator: वनमनी भारत का पहला लोन एग्रीगेटर है, जिसे RBI से अनुमति मिली है. इस महीने की शुरुआत में अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क की शुरुआत हुई थी

account aggregator to help do away with fake loan apps, here's how

बैंक डेटा तक ऑनलाइन पहुंच की कमी के चलते विनियमित ऋणदाता पहले तुरंत लोन प्रोसेस नहीं कर पाते थे. इस वजह से कई चीनी ऐप्स की एंट्री आसान हो गई थी

बैंक डेटा तक ऑनलाइन पहुंच की कमी के चलते विनियमित ऋणदाता पहले तुरंत लोन प्रोसेस नहीं कर पाते थे. इस वजह से कई चीनी ऐप्स की एंट्री आसान हो गई थी

भारत में अकाउंट एग्रीगेटर (AA) नेटवर्क के आने से फेक लोन ऐप्स का खात्मा हो सकता है. देश के पहले अकाउंट एग्रीगेटर लोन को लेंडिंगकार्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (Lendingkart) ने डिसबर्स किया है. अकाउंट एग्रीगेटर वनमनी (Onemoney) की मदद से इस लोन को डिसबर्स किया गया है.

वनमनी भारत का पहला लोन एग्रीगेटर है, जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से अनुमति मिली है. इस महीने की शुरुआत में अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क की शुरुआत हुई थी. यह वित्तीय डेटा-साझाकरण प्रणाली है, जो निवेश और क्रेडिट में क्रांति ला सकती है.

अकाउंट एग्रीगेटर खाताधारकों को बैंक अकाउंट की जानकारी डिजिटल तरीके से लेंडर (lender) के साथ शेयर करने की अनुमति प्रदान करते हैं. इसका मतलब यह है कि जो लेंडर्स अकाउंट एग्रीगेटरों के बोर्ड पर हैं, उन्हें ग्राहक की अनुमति पर उनके किसी भी बैंक अकाउंट की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री तक पहुंच मिल सकती है. इससे लोन जैसे प्रोसेस आसान हो गए हैं.

चीनी ऐप्स की एंट्री आसान हो गई थी

अतीत में बैंक डेटा तक ऑनलाइन पहुंच की कमी के चलते विनियमित ऋणदाता तुरंत लोन प्रोसेस नहीं कर पाते थे. इस वजह से कई चीनी ऐप्स की एंट्री आसान हो गई थी. ये ऐप्स ग्राहकों के पर्सनल डेटा और दूसरे रिकॉर्ड को स्क्रैप करके लोन प्रोवाइड करते थे. इस डेटा का इस्तेमाल वे रिकवरी के लिए करते हैं.

AA के आने के बाद अब ऐप्स के जरिए डिजिटल लोन देने वाले रेगुलेटेड लेंडर्स कुशलता से उधार दे सकते हैं. उनके पास बैंक डेटा तक पहुंच होगी. वहीं फेक डिजिटल लेंडर खुद-ब-खुद गायब हो जाएंगे क्योंकि विनियमित ऋणदाता अब वही सेवा कुशलतापूर्वक प्रदान कर सकते हैं.

प्रोसेस को तेज और सुविधाजनक बनाने की मंजूरी

अकाउंट एग्रीगेटर के आने से पहले तक लोन लेने के लिए तमाम तरह के दस्तावेज, जैसे कि बैंक स्टेटमेंट की फिजिकल कॉपी आपको लेंडर के पास जमा करनी होती थी. इस तरह से लोन लेने में समय भी काफी ज्यादा लगता है. लेकिन RBI ने प्रोसेस को तेज और सुविधाजनक बनाने के लिए अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क को मंजूरी दी है.

वनमनी उन सात एनटीटी में से पहली है, जिन्हें RBI की अनुमति मिली है. अन्य प्रमोटरों में कैम्स फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन, कुकीजार टेक्नोलॉजीज, NSEL एसेट डेटा, योडली, परफियोस और फोनपे शामिल हैं.

ये बैंक वनमनी के साथ जुड़ चुके हैं

ICICI, HDFC बैंक, एक्सिस और इंडसइंड बैंक पहले से ही वनमनी के साथ जुड़ चुके हैं. अब वे SBI, कोटक और फेडरल बैंक को जोड़ने की प्रक्रिया में है. इन लेंडर्स के साथ देश में 60% से अधिक बैंक खाते कवर हो जाएंगे. संयोग से, वे बैंक, जिन्हें वित्तीय सूचना प्रदाताओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है, अन्य बैंकों के ग्राहकों को ऋण प्रदान करके वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता बन जाएंगे.

Published - September 26, 2021, 11:24 IST