संपत्ति के एवज में लोन से जुड़े ये 6 मिथक

जब तक कोई ग्राहक लोन पर डिफाल्ट नहीं होता, संबंधित संपत्ति पर उसका पूरा अधिकार होता है.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 18, 2021, 10:58 IST
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LAP में संपत्ति के कुल मूल्य का 50-70% हिस्सा बतौर लोन प्राप्त हो जाता है. PC: Flickr

LAP में संपत्ति के कुल मूल्य का 50-70% हिस्सा बतौर लोन प्राप्त हो जाता है. PC: Flickr

संपत्ति के एवज में लोन (LAP) को अक्सर कर्ज लेने का सुरक्षित विकल्प माना जाता है, क्योंकि यह सिक्योर्ड लोन होता है. इस पर 6.9 से 13.85 फीसदी का ब्याज लगता है. इसकी अवधि 20 वर्ष तक हो सकती है. LAP में संपत्ति के कुल मूल्य का 50-70% हिस्सा बतौर लोन प्राप्त हो जाता है. हालांकि, LAP को लेकर कई तरह के मिथक भी होते हैं, जिन्हें स्पष्ट करना जरूरी है. आइए जानें इसके बारे में.

मिथक 1: बैंक गिरवी रखी संपत्ति को कब्जे में ले लेता है और ग्राहक इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता

यह सबसे सामान्य मिथक है. जबकि सच्चाई यह है कि संपत्ति को गिरवी रखने से उसके इस्तेमाल का हक नहीं छिना जा सकता. जब तक कोई ग्राहक लोन पर डिफाल्ट नहीं होता, संबंधित संपत्ति पर उसका पूरा अधिकार होता है. डिफाल्ट की स्थिति में बैंक संबंधित संपत्ति की कुर्की कर अपना बकाया हासिल करते हैं.

मिथक 2: LTV अनुपात 100% हो सकता है

LTV अनुपात में संपत्ति में कुल मूल्य का एक हिस्सा निश्चित हिस्सा बतौर लोन दिया जाता है. आम तौर पर ग्राहक सोचते हैं कि वे अपनी संपत्ति के मूल्य का 100 फीसदी हिस्सा बतौर कर्ज प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं होता. अक्सर, बैंक 50-70% तक ही लोन मंजूर करते हैं. इस दौरान, संपत्ति के लोकेशन, इंफ्रा, स्थाईत्वपन वगैरह का ध्यान रखा जाता है. दो से तीन हफ्तों में लोन दे दिया जाता है.

मिथक 3: केवल आवासीय संपत्ति को ही गिरवी रखा जा सकता है

LAP के बारे में यह भी एक सामान्य मिथक है, जो कि सच नहीं है. आवासीय संपत्ति के अलावा बैंक कमर्शियल प्रॉपर्टी, औद्योगिक संपत्ति, प्लॉट वगैरह के एवज में लोन दे सकते हैं.

मिथक 4: LAP में लोन के इस्तेमाल पर पाबंदियां होती हैं

यह बात भी गलत है. पर्सनल लोन, गोल्ड लोन वगैरह की तरह इस लोन को भी आप अपनी इच्छा के मुताबिक खर्च कर सकते हैं. इसमें कोई पाबंदी नहीं होती. हां, फंड का कोई गैर-कानूनी इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. ग्राहक, इस लोन का उपयोग अपना कारोबार बढ़ाने, बच्चों की शिक्षा, कामकाजी पूंजी जरूरतों आदि के लिए कर सकते हैं.

मिथक 5: LAP की अवधि कम होती है

यह सोच भी गलत है. इस लोन की अवधि 20 वर्ष तक हो सकती है. पर्सनल लोन, गोल्ड लोन या टॉप-अप लोन की अवधि 5, 3 और 15 वर्ष होती है.

मिथक 6: लोन की राशि संपत्ति की खरीद मूल्य पर आधारित होती है

जी नहीं, बैंक संपत्ति के वर्तमान बाजार मूल्य के आधार पर लोन की राशि का आंकलन करते हैं. आंकलन के समय, संपत्ति के लोकेशन, इंफ्रा, आयु, स्थाईत्वपन वगैरह का ध्यान रखा जाता है. इसके बाद, ग्राहक के कर्ज चुकाने की क्षमता, आमदनी, क्रेडिट स्कोर वगैरह को भी देखा जाता है.

Published - October 18, 2021, 10:56 IST