Money9 Edit: स्क्रैपेज पॉलिसी- कंज्यूमर को इन्सेंटिव, इंडस्ट्री को क्या?

Scappage Policy Money9 Edit- पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर बढ़ता जोर और बढ़ते कैब कल्चर को देखते हुए भविष्य में ऑटो सेल्स उतनी तेजी से नहीं बढ़ेंगी.

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परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी (Scappage Policy) की डीटेल्स की जानकारी दी. इस पॉलिसी का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को अपने बजट भाषण के दौरान किया था. पुराने वाहनों का स्क्रैप करना वक्त की जरूरत है. इसमें पहले ही काफी देर हो चुकी है. विश्व के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में 22 भारत के हैं. उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में हर साल अक्टूबर से दिसंबर महीने के बीच प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर पहुंच जाता है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि पुराने वाहनों को बाहर करना न सिर्फ अच्छा विचार है, बल्कि प्राथमिकता भी है.

हालांकि, यह देखा जाना चाहिए कि पुराने वाहन वास्तव में प्रदूषण के आंकड़ों में कितना योगदान देते हैं और पुराने निजी वाहनों से सड़कों को मुक्त करके पर्यावरण का कितना नुकसान कम होगा. जी हां, हमें याद रखना चाहिए कि बूंद-बूंद से ही सागर बनता है.

उपभोक्ता के मोर्चे पर देखें तो इस पॉलिसी में पुराने वाहन को स्क्रैप (Scappage Policy) कर नया वाहन खरीदने वालों को कई तरह की टैक्स छूट और इन्सेन्टिव का प्रस्ताव किया गया है. स्क्रैप किए जाने वाले वाहन की वैल्यू एक्स-शोरूम प्राइस की 4-6% हो सकती है. मान लीजिए किसी कार की नई कीमत 10 लाख रुपए है तो 50 हजार रुपए सीधे तौर पर स्क्रैप वैल्यू होगी. इसके अलावा नई कार खरीदने पर रोड टैक्स में 25% की छूट मिलेगी. नया वाहन खरीदने पर रजिस्ट्रेशन फीस भी नहीं देनी होगी. इससे ग्राहकों का खर्च काफी कम हो जाएगा. पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर वाहन मालिकों को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इस सर्टिफिकेट को दिखाकर नया वाहन खरीदने पर 5% की छूट मिलेगी. यह छूट ऑटो कंपनियां देंगी. इस छूट को भी देखें तो ग्राहकों के लिए शानदार डील साबित हो सकती है. लेकिन, यह तभी होगा जब आप नई कार खरीदना चाहते हैं.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Public Transport) पर बढ़ता जोर और बढ़ते कैब कल्चर (Cab Culture) को देखते हुए भविष्य में ऑटो सेल्स उतनी तेजी से नहीं बढ़ेंगी. पुरानी कार को स्क्रैप करके नई कारों की बिक्री बढ़ाने वाली ये थ्योरी समय की कसौटी पर खरी नहीं उतरती है. इसके अलावा, क्या सरकार ऑटो कंपनियों से नए प्रोडक्ट पर 5% की छूट बहुत ज्यादा उम्मीद कर रही है? ऑटो सेक्टर में काफी प्रतिस्पर्धा है और मूल्य-संवेदनशील उपभोक्ताओं पर चलता है. हां, उनके मार्जिन अच्छे होते हैं, लेकिन पुराने कबाड़ वाहन बेचने वाले ग्राहकों को अपनी टॉपलाइन में 5% छूट देने के लिए क्यों कहा जाए? क्या उन्हें अनिवार्य छूट को समायोजित करने के लिए कीमतें बढ़ाने का प्रलोभन दिया जाएगा? ग्राहक नहीं चाहते कि तेल की बढ़ती कीमतों के साथ उन्हें सिर्फ डिस्काउंट दिखाने के लिए कार महंगी हो जाएं.

Published - March 20, 2021, 03:27 IST