सट्टेबाजी पर टिके इस धंधे में सरकार निवेशकों को कितना बचा पाएगी ये बड़ा सवाल है. सरकार की नजर क्रिप्टो के जरिए अपने खजाने का पेट भरने पर भी है.
निर्यातकों को कीमतों में कमी और कंटेनर उपलब्धता में सुधार की उम्मीद है, जिससे भारत के निर्यात को और बढ़ावा मिलेगा.
अगर आपको लग रहा है कि रिलायंस के साथ कुछ ठीक नहीं और इसलिए यह डील टूटी है तो जरा ठहरिए..क्योंकि पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और ही है.
रिजर्व बैंक की ओर से घोषित रिटेल डायरेक्ट स्कीम के तहत, एनआरआई (NRI) विदेश में बैठकर अपना खाता खोल सकता है और सरकारी प्रतिभूतियां खरीद सकता है.
RBI जल्द ही नए नॉर्म्स की प्रोसेस शुरू करेगा, लेकिन कॉरपोरेट घरानों को बैंकिंग बिजनेस में अनुमति देने पर फैसला लेना अभी बाकी है.
एचडीएफसी बैंक, एक्सिस और आईसीआईसीआई बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले ग्राहकों को उससे जुड़े जोखिम के बारे में]सूचित करने के लिए ईमेल भेजे हैं
Aatm Nirbhar Bharat Abhiyan: 31 मार्च 2024 तक खर्च 22,810 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जानी है.
ऑटो कंपनियों के लिए चिप शॉर्टेज (Chip Shortage) तो इस क्राइसिस का महज एक पहलू है. इसका दूसरा पहलू रूरल डिस्ट्रेस है.
पेटीएम भारत में स्टार्ट अप क्रांति का चेहरा है, लेकिन पेटीएम अपने बिजनेस मॉडल से बाजार को खुश नहीं कर पाया.
एक रिपोर्ट में एक्सिस बैंक के एमडी अमिताभ चौधरी के हवाले से कहा गया है कि, 'दर्द अभी बाकी है क्योंकि मोरेटोरियम का एक साल अब खत्म हो रहा है.