रियल एस्टेट पोर्टल 'मैजिकब्रिक्स' के हाउसिंग रेंटल इंडेक्स के मुताबिक, साल 2022 के पहले 9 महीनों में देश के 13 प्रमुख शहरों में तिमाही दर तिमाही किराया बढ़ा है. पहली यानी जनवरी-मार्च तिमाही में किराए में औसतन 4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
इन बैंकों में कमर्शियल बैंकों की तुलना में कुछ ब्याज भी ज्यादा मिलता है. इस वजह से बड़ी संख्या में लोग सहकारी बैंकों में पैसा जमा करना ज्यादा पसंद करते हैं.
कोटक इन्सटीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट- लोकसभा चुनाव तक टेलीकॉम कम्पनियों पर दरें न बढ़ाने का दवाब.
हालांकि फोनपे की पैरेंट कंपनी वॉलमार्ट (Wallmart) है जो खुद एक अमेरिकी कंपनी है. इस साल जनवरी में फोनपे ने वॉलमार्ट की ही कंपनी फ्लिपकार्ट से खुद को अलग कर लिया और भारत में अपना डोमिसाइल शिफ्ट कर लिया. फोनपे भारत में फिनटेक और पेमेंट सर्विस सेक्टर की दिग्गज कंपनी है. फोनपे देश में सबसे बड़ा यूपीआई (UPI) पेमेंट प्लेटफॉर्म है.
अब पोर्टल पर प्रवासी श्रमिकों के परिवार की जानकारी भी मिल सकेगी. इस सुविधा से प्रवासी श्रमिकों के परिवार को शिक्षा और महिलाओं से जुड़ी योजनाओं का फायदा मिले सकेगा.
लायबिलिटीज में वे चीजें आएगी, जिनके लिए आपकी जेब से पैसा जाता है. जैसे आपके सारे बिल्स, पेमेंट्स, नियमित खर्चे और आपकी कर्ज देनदारी यानी होम लोन, ऑटो लोन, एजुकेशन लोन, क्रेडिट कार्ड की किस्तें. इस कॉलम में करंट, शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म तीनों तरह की देनदारी शामिल होगी.
बैंक ने एटी1 (AT1) बॉन्ड 'सुपर फिक्स्ड डिपॉजिट' के नाम से बेचे थे. सेबी (SEBI) की साल 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से ज्यादातर निवेशक यस बैंक के ग्राहक ही थे. इस दौरान बैंक ने कुल 8,415 करोड़ रुपए के एटी1 बॉन्ड्स बेचे गए. निवेशकों को बताया कि इस बॉन्ड्स को खरीदने पर उन्हें जिंदगी एफडी से ज्यादा रिटर्न मिलेगा.
आपको बता दें कि प्रमोटर ग्रुप की कंपनी RTS Fashions का हाल में Mirza International के साथ मर्जर हुआ था. मर्जर के बाद Mirza International ने अपने branded business का Red Tape नाम की कंपनी में डीमर्जर कर दिया था, जिसकी ex-date 29 मार्च थी.
फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट सेल को 2009 में शुरू किया गया था. इसका उद्देश्यों युवाओं में वित्तीय प्रवृत्ति का विकास करना है, जिससे किताबों में पढ़ाई गई चीजों को वास्तवित जीवन में भी लागू किया जा सके.
परिजनों व दोस्तों से ली गई उधारी से जुड़ा कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है तो वारिस इसे चुकाने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है.