मोबाइल फोन यूजर्स के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है. टेलीकॉम कंपनियों के चालू वित्त वर्ष में मोबाइल टैरिफ बढ़ाने की गुंजाइश नहीं है. जानकारों का कहना है कि पोस्टपेड सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और अगले साल आम चुनाव होने की वजह से टेलीकॉम कंपनियां इस साल टैरिफ में बढ़ोतरी करने से बचेंगी. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को लगता है कि मोबाइल टैरिफ में 2024 के आम चुनाव तक कोई बढ़ोतरी नहीं होगी, क्योंकि मोबाइल टैरिफ बढ़ने से महंगाई बढ़ सकती है, जिससे टेलीकॉम कंपनियों को जनता और राजनीतिक दलों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है.
इस फैसले से मोबाइल ग्राहकों को तो फायदा होगा, लेकिन टेलिकॉम कम्पनियों की वित्तिय हालत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.
टेलीकॉम कम्पनियों की कमाई पर पड़ेगा असर
सुस्त सब्स्क्राइबर ग्रोथ और मोबाइल दरों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होने की वजह से मार्च तिमाही के दौरान देश के टेलीकॉम सेक्टर की कमाई पर असर पड़ सकता है. जेएम फाइनेंशियल के विशेषज्ञों का मानना है कि मार्च तिमाही के दौरान टेलीकॉम कंपनियों की रेवेन्यु ग्रोथ 0-4 फीसद के बीच रह सकती है और EBITDA मार्जिन की ग्रोथ भी घट सकती है. कंपनियों को 5जी सेवा के विस्तार के लिए खर्च बढ़ाना पड़ा है. इस वजह से भी उनकी ग्रोथ प्रभावित होने की आशंका है.
ऐसे में अगर मोबाइल कम्पनियां टैरिफ बढ़ाती हैं तो आगे होने वाली भी कमाई पर भी असर पड़ेगा.