गैर बासमती चावल का भाव बढ़ा

बीते एक साल में चावल का भाव करीब 18 फीसद बढ़ चुका है

गैर बासमती चावल का भाव बढ़ा

सीमित सप्लाई और सरकारी खरीद में कमी की वजह से गैर बासमती चावल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. बीते एक साल के दौरान चावल का भाव करीब 18 फीसद तक बढ़ चुका है. एक साल पहले देश में चावल का औसत भाव 34 रुपए प्रति किलो के करीब था और इस साल यह बढ़कर 40 रुपए हो गया है. सरकार के पास पुराने चावल का सीमित स्टॉक है और ऊपर से नए चावल की खरीद भी पिछले साल के मुकाबले पिछड़ी हुई है. इस वजह से सरकार के स्तर पर सप्लाई सीमित रहने की आशंका है जिस वजह से भाव में तेजी देखी जा रही है.

भारतीय खाद्य निगम यानी FCI के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2023 में सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के लिए चावल की बिक्री में करीब 50 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है. FCI की ओर से सितंबर और अक्टूबर 2023 में चावल की बिक्री क्रमश: 2.838 मिलियन टन और 3.098 मिलियन टन थी, जबकि सितंबर और अक्टूबर 2022 में क्रमशः 5.848 मिलियन टन और 5.386 मिलियन टन चावल की बिक्री दर्ज की गई थी.

FCI के आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2023 में चावल की बिक्री 3.126 मिलियन टन थी, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 7.083 मिलियन टन का था. कारोबारियों का कहना है कि FCI के द्वारा मुफ्त मासिक वितरण और बिक्री में कमी की वजह से बाजार में चावल की उपलब्धता कमजोर है, जिससे गैर बासमती चावल की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. बता दें कि सरकार के द्वारा चावल कारोबारियों को कीमत कम करने के हाल के निर्देशों के बावजूद गैर बासमती चावल की कीमतों में इजाफा दर्ज किया गया है. कारोबारियों का कहना है कि भारतीय खाद्य निगम के जरिए व्यापारियों को चावल कम मिल रहा है, इसलिए वे खुले बाजार से चावल की खरीदारी कर रहे हैं और जिससे कीमतों में मजबूती है.

Published - January 9, 2024, 03:51 IST