फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी एफसीआई को चावल की बिक्री के लिए खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं. दरअसल, ओपन मार्केट सेल स्कीम यानी OMSS के तहत सरकार ने 3.75 लाख टन चावल नीलामी के लिए रखा था, जिसकी ई नीलामी बुधवार को हुई थी, लेकिन ई ऑक्शन में सिर्फ 290 टन चावल की बिक्री हो पाई है. एक ओर जहां सरकारी चावल की बिक्री नहीं हो पा रही है तो वहीं दूसरी ओर खुले बाजार में चावल की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है. बता दें कि चावल, आटा और गेहूं की रिटेल कीमतों पर लगाम लगाने के लिए एफसीआई हर हफ्ते ई-ऑक्शन कर रहा है.
कर्नाटक, केरल में 200 टन चावल की बिक्री
ओएमएसएस के ताजा राउंड के तहत तीन राज्यों कर्नाटक और केरल में क्रमश: 100 टन और 100 टन चावल की बिक्री हुई थी, जबकि महाराष्ट्र में 90 टन चावल की बिक्री हुई थी. एफसीआई के ई ऑक्शन एम जंक्शन सर्विसेज लिमिटेड की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक एफसीआई को 3,100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर 100 टन चावल के लिए कर्नाटक से एक खरीदार एसएलआर ब्याल्ड राइस ने बोली लगाई थी. वहीं केरल के एक खरीदार सनराइज ट्रेडिंग कंपनी ने भी 3,100 रुपए के भाव पर चावल खरीदा.
5 जुलाई ई ऑक्शन में 170 टन चावल बिका था
आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र के दो खरीदार पार्वती एग्रो इंडस्ट्रीज और न्यू डीजी फूड एग्रो ने क्रमश: 40 टन और 50 टन चावल खरीदा था. 5 जुलाई को हुए ई ऑक्शन में फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को 3.86 लाख टन चावल के लिए सिर्फ 170 टन की बोली मिली थी.
खरीदार नहीं मिलने की वजह
देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को सरकार के द्वारा मुफ्त सस्ता अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा सरकारी भंडार में चावल के स्टॉक की स्थिति भी बेहतर है. एफसीआई के आंकड़ों के मुताबिक खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 में अब तक सरकारी एजेंसियां 567 लाख टन चावल की खरीद कर चुकी हैं. सरकार के पास चावल के स्टॉक की स्थिति बेहतर होने से सप्लाई को लेकर फिलहाल चिंता नहीं है और इसकी वजह से बहुत ज्यादा बढ़ोतरी की आशंका भी नहीं है. यही वजह है कि व्यापारी खुले बाजार में सरकारी चावल की खरीद से फिलहाल परहेज कर रहे हैं.