दालों की वजह से पिछड़ गई खरीफ की खेती

दालों को छोड़ अन्य खरीफ फसलों का रकबा या तो पिछले साल से आगे चल रहा है या लगभग पिछले साल जैसा है.

दालों की वजह से पिछड़ गई खरीफ की खेती

खरीफ सीजन के दौरान प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों में मानसून का संतुलन बिगड़ने की वजह से दालों की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है और उसकी वजह से खरीफ फसलों की कुल खेती पिछले साल के मुकाबले पिछड़ी हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 28 जुलाई तक देशभर में कुल खरीफ रकबा 830 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, पिछले साल इस दौरान करीब 833 लाख हेक्टेयर में खरीफ की खेती हुई थी. खरीफ का कुल रकबा हालांकि बहुत ज्यादा नहीं पिछड़ा है लेकिन दालों की खेती बहुत ज्यादा पिछड़ी हुई है.

कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 28 जुलाई तक देशभर में 96.84 लाख हेक्टेयर में खरीफ दलहन की खेती हो पाई है जबकि पिछले साल इस दौरान 109.15 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी थी. तीनों प्रमुख दलहन, यानी अरहर, उड़द और मूंग का रकबा पिछले साल के मुकाबले पिछड़ा हुआ है. अरहर की खेती सिर्फ 31.51 लाख हेक्टेयर में हो पाई है जबकि पिछले साल इस दौरान 37.5 लाख हेक्टेयर में अरहर की खेती हो गई थी. इसी तरह 28 जुलाई तक उड़द का रकबा करीब 5 लाख हेक्टेयर पिछड़ा हुआ है और 25.83 लाख हेक्टेयर में फसल लगी है, मूंग का रकबा भी 2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पिछड़ा हुआ है और 27.64 लाख हेक्टेयर में खेती दर्ज की गई है.

हालांकि दालों को छोड़ अन्य खरीफ फसलों का रकबा या तो पिछले साल से आगे चल रहा है या लगभग पिछले साल जैसा है. 28 जुलाई तक 237.58 लाख हेक्टेयर में धान की खेती दर्ज की गई है, ,पिछले साल इस दौरान यह आंकड़ा 233.25 लाख हेक्टेयर था. तिलहन का रकबा भी पिछले साल के मुकाबले करीब 4 लाख हेक्टेयर आगे है और 171.02 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी है, तिलहन में सोयाबीन का रकबा सबसे ज्यादा बढ़ा हुआ है. मोटे अनाज का रकबा भी पिछले साल के मुकाबले करीब 2 लाख हेक्टेयर आगे बढ़ा हुआ है और 145.76 लाख हेक्टेयर में खेती हुई है.

गन्ने की खेती की बात करें तो अबतक 56 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी है, पिछले साल 54.51 लाख हेक्टेयर में खेती हुई थी. कपास का रकबा पिछले साल के मुकाबले हल्का पिछड़ा हुआ है, 28 जुलाई तक 116.75 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती दर्ज की गई है.

Published - July 28, 2023, 08:13 IST