देश में मानसून (Monsoon) पहुंचे हुए 15 दिन हो रहे हैं लेकिन मानसून (Monsoon 2023) के आगे बढ़ने की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. मानसून अभी तक महाराष्ट्र को भी कवर नहीं कर पाया है और पूर्व में पूर्वी बिहार झारखंड तथा पश्चिम बंगाल में अटका हुआ है. वहीं दूसरी ओर अलनीनो की वजह से आगामी रबी सीजन के दौरान भी बारिश पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है और जिसकी वजह से सीजन की सबसे प्रमुख फसल गेहूं प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा अगले साल गर्मियों में तापमान में बढ़ोतरी होने की भी आशंका है.
अभी तक 31 फीसदी कम बारिश
मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट डीएस पई का कहना है कि सर्दियों की बारिश में अल नीनो का प्रभाव देखने को मिल सकता है. गेहूं, चना और सरसों जैसी फसलों के लिए शीतकालीन बारिश काफी महत्वपूर्ण होती है. इस सीजन की दूसरी छमाही में अल नीनो से मानसून की बारिश के प्रभावित होने की उम्मीद थी. मौसम विभाग के मुताबिक देशभर में अबतक हुई मानसून की बरसात की बात करें तो सामान्य के मुकाबले 31 फीसद कम बारिश हुई है.
कितना पिछड़ा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक पहली जून से 21 जून तक देशभर में औसतन सिर्फ 66.9 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि सामान्यतौर पर इस दौरान 99.2 मिलीमीटर बरसात हो जाती है. चक्रवाली तूफान बिपरजॉय की वजह से मानसून पिछड़ गया है और उसकी वजह से अनाज और दलहन की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो से तीन में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ इलाके, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के गंगा के इलाकों, ओडिशा के बचे हुए इलाकों और दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ और इलाकों में मानसून पहुंच सकता है. अगले पांच दिन के दौरान पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की कमी आने की संभावना है.