बासमती निर्यात के शर्त में ढील देगी सरकार?

सरकार बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को घटाकर 850 डॉलर प्रति टन कर सकती है

बासमती निर्यात के शर्त में ढील देगी सरकार?

बासमती निर्यातकों, किसानों और पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद सरकार बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी MEP को घटा सकती है. सरकार ने अगस्त में बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य 1,200 डॉलर प्रति टन कर दिया था, जिसे अब 30 फीसद घटाकर 850 डॉलर प्रति टन किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार अगले कुछ दिनों में इसको लेकर औपचारिक ऐलान कर सकती है. बता दें कि हाल ही में बासमती चावल के कारोबार से जुड़े हितधारकों के साथ बैठक के दौरान वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि सरकार एमईपी को घटाकर 900 डॉलर प्रति टन करेगी. हालांकि निर्यातकों के आग्रह के बाद पीयूष गोयल शुल्क को और कम करने पर सहमत हो गए थे.

निर्यातकों का कहना है कि भारत के सालाना 4.5 मिलियन टन बासमती चावल निर्यात का तकरीबन 75 फीसद 700-1,000 डॉलर प्रति टन के औसत मूल्य पर होता है. बता दें कि अगस्त में प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के अवैध निर्यात पर रोक लगाने के मकसद से 15 अक्टूबर तक बासमती चावल के शिपमेंट पर अस्थायी तौर पर न्यूनतम निर्यात मूल्य 1,200 डॉलर प्रति टन लगा दिया गया था.

वाणिज्य मंत्रालय ने उस दौरान कहा था कि उसे गैर-बासमती सफेद चावल के गलत वर्गीकरण और अवैध निर्यात को लेकर सूचना मिली थी, जिसके शिपमेंट पर 20 जुलाई 2023 से प्रतिबंध लगा दिया गया था. कृषि मंत्रालय के सहयोग से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण द्वारा गठित एक समिति को अगस्त में निर्यात किए गए बासमती के अनुबंध मूल्य में बड़े बदलावों की जानकारी मिली थी. आंकड़ों के मुताबिक भारत ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई की अवधि में 1.7 बिलियन डॉलर मूल्य के 1.6 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में मूल्य के संदर्भ में 13.1 फीसद ज्यादा है.

Published - October 5, 2023, 01:13 IST