1 महीने में तुअर का थोक भाव 5 फीसद बढ़ा

भारत तुअर दाल की अपनी घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए म्यांमार और अफ्रीका से तुअर का आयात करता रहा है.

India to import tur, urad from Myanmar in January-February

ई फसल की आवक और म्यांमार से आयात जारी रहने के बावजूद बीते एक महीने में तुअर दाल का थोक दाम 5 फीसद बढ़ गया है. उद्योग से जुड़े जानकारों का कहना है कि बुआई कम होने और लगातार दूसरे साल उत्पादन कम होने से तुअर की सप्लाई प्रभावित हुई है. गौरतलब है कि साल 2023 में तुअर का खुदरा भाव 200 रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंचाई पर पहुंच गया था. कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पीली मटर का आयात खोलने और सरकार की तरफ से स्टॉक लिमिट की निगरानी करने और सब्सिडी वाली भारत चना दाल की बिक्री जैसे उपायों की वजह से दिसंबर में भाव में 5 से 10 फीसद की गिरावट आ गई थी.

उद्योग से जुड़े जानकारों के मुताबिक खरीफ फसल की कटाई शुरू होने के बाद कई किसानों ने अपनी उपज को बेचने से परहेज किया है और जिससे बाजार में तुअर की उपलब्धता कम हो गई. हालांकि इसी दौरान अनप्रोसेस्ड तुअर की कीमतों में गिरावट भी देखने को मिली है. दाल मिलर्स का कहना है कि तुअर का भाव जब निचले स्तर पर पहुंच गया था, उस समय तुअर की उपलब्धता कम हो गई है. दरअसल, किसानों ने उस दौरान भाव के ऊपर जाने का इंतजार करने का विकल्प चुना था. उनका कहना है कि 120 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर से गिरकर भाव के 85 रुपये प्रति किलोग्राम के निचले स्तर तक आने के बाद कीमतों में फिर से रिकवरी दर्ज की जा रही है.

उद्योग संगठन भारतीय दलहन और अनाज संघ यानी आईपीजीए के मुताबिक प्रोसेसिंग के लिए दाल मिलों की ओर से साबूत तुअर की बढ़ती खरीदारी की वजह से तुअर की कीमतों में लगातार चार हफ्ते बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बता दें कि भारत तुअर दाल की अपनी घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए म्यांमार और अफ्रीका से तुअर का आयात करता रहा है. हालांकि उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अफ्रीका की स्थानीय सरकार की ओर से तुअर की सप्लाई को बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है और म्यांमार से भी सप्लाई की उम्मीद भी कम है.

Published - January 30, 2024, 04:49 IST